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गांवों के सर्वांगीर्ण विकास को लेकर सरकार गंभीर, सुविधाएं बढ़ाने पर जोर

उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार प्रदेश के लगभग एक लाख गांवों के समग्र विकास के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय बैठक कर गांवों को आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाने को लेकर गंभीरता से काम करने के निर्देश भी दिए हैं.

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Published : Aug 12, 2022, 6:17 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार प्रदेश के लगभग एक लाख गांवों के समग्र विकास के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय बैठक कर गांवों को आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाने को लेकर गंभीरता से काम करने के निर्देश भी दिए हैं. इसी कड़ी में डिजिटल कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए हर गांव में टेलीकॉम टॉवर और ऑप्टिकल फाइबर के विस्तार की कार्ययोजना तैयार की जाएगी. सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए शीघ्र ही बोर्ड का गठन भी करेगी. दलहन, तिलहन में आयात की निर्भरता कम करने के लिए प्रदेश सरकार पहले से ही काम कर रही है.


भाजपा ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में गावों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता जताई है. संकल्प पत्र के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के गांव विकास के लिहाज से शहरों की बराबरी करेंगे. मसलन मुख्य शहर से गांव को जोड़ने वाली सोलर लाइट की दूधिया रोशनी से नहाई चकाचक सड़कें. जल निकासी के लिए पक्की नालियां. हर ग्राम पंचायत पर बस स्टेशन, इनके लिए 2000 अतिरिक्त बसों की व्यवस्था. इंटरनेट कनेक्टिविटी. जल जीवन मिशन के तहत 2024 तक हर घर तक शुद्ध पेयजल. आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के गांवों की तस्वीर इन सभी पहलुओं को समेटे होगी.


दरअसल, गांव और किसान शुरू से सरकार की प्राथमिकता में रहे हैं. पहले कार्यकाल की पहली कैबिनेट में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लघु सीमांत किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया, तो दूसरी बार शपथ ग्रहण करने के अगले ही दिन अफसरों के साथ पहली बैठक में एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि गांवों का विकास उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. सीएम ने निर्देश दिया कि गांव में सप्ताह में एक बार 'गांव दिवस' मनाया जाए. बीट वाले पुलिस कर्मियों सहित जिन विभागों के कर्मचारी संबंधित गांव के विकास के लिए जवाबदेह हैं, वह अनिवार्य रूप से वहां जाएं. ग्राम प्रधान से समन्वय बनाकर समस्याएं सुनें और मौके पर ही उनका स्थाई एवं संतोषजनक हल निकालें.


संकल्प पत्र के मुताबिक, गांवों के समग्र विकास के लिए सरकार बाबूजी कल्याण सिंह ग्राम उन्नत योजना शुरू करेगी. इसी क्रम में किसान कर्ज माफी से शुरू किसानों के कल्याण का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. संकल्प पत्र में पहले की तरह सिंचाई क्षमता के विस्तार पर खासा जोर दिया गया है. खेतीबाड़ी के क्षेत्र में एक प्रचलित कहावत है कि पानी को छोड़ खेती हर चीज का इंतजार कर सकती है. खेतीबाड़ी में सिंचाई के इसी महत्व के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' का नारा दिया. साथ ही प्रधानमंत्री सिंचाई योजना की शुरुआत की. इसके तहत फोकस उन परियोजनाओं पर था जो दशकों से लंबित थीं.


डबल इंजन की सरकार के बेहतर तालमेल का ही नतीजा रहा कि भाजपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान वाण सागर, अर्जुन सहायक नहर और सरयू नहर जैसी बेहद महत्वाकांक्षी परियोजनाओं समेत करीब डेढ़ दर्जन परियोजनाओं को पूरा कर सिंचन क्षमता में करीब 20 लाख हेक्टेयर का विस्तार किया. संकल्प पत्र के मुताबिक, सिंचाई के लिए 5,000 करोड़ रुपये की लागत के साथ मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू की जाएगी. इसके तहत लघु-सीमांत किसानों को बोरवेल, तालाब और टैंक निर्माण के लिए अनुदान देय होगा. सिंचाई के लिए सभी किसानों को मुफ्त बिजली दी जाएगी. प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप देना जारी रहेगा.


पच्चीस हजार करोड़ की लागत से शुरू सरदार वल्लभ भाई पटेल एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत प्रमुख फसलों की छंटनी, ग्रेडिंग, पैकिंग, अधिक समय तक संरक्षित करने के लिए कोल्ड चेन चेम्बर्स का निर्माण कराया जाएगा. इसी क्रम में 5,000 करोड़ की लागत से गन्ना मिल नवीनीकरण मिशन के अंतर्गत चीनी मिलों के आधुनिकीकरण के साथ नई सहकारी चीनी मिलों के निर्माण, 14 दिनों के भीतर भुगतान सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है. नहीं होने पर देरी के अनुसार ब्याज भी देय होगा.
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मंदी की मार से बचाने के लिए किसानों को आलू, टमाटर एवं प्याज जैसी सभी फसलों का न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित करने के लिए 1,000 करोड़ का भामाशाह भाव स्थिरता कोष बनाया जाएगा. 1,000 करोड़ की लागत से नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत दुग्ध उत्पादन में प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाया जाएगा. वहीं 4,000 नए फसल-विशिष्ट एफपीओ स्थापित किए जाएंगे. साथ ही प्रदेश में छह मेगा फूड पार्क विकसित किए जाएंगे. प्रदेश में निषादराज बोट सब्सिडी योजना, मछली बीज उत्पादन यूनिट के लिए 25 फीसद तक की सब्सिडी के साथ ही छह अल्ट्रा मॉडल मछली मंडियां भी बनाने की बात संकल्प पत्र में कही गईं हैं.

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