उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

मंत्री के दावे हवा-हवाई : न मिलीं किताबें, न आए यूनिफार्म के पैसे - बेसिक शिक्षा निदेशक समाचार

उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. वहीं अभिभावकों को यूनिफॉर्म, बस्ता व जूतों के लिए सरकार की तरफ से दिए जाने वाले 1100 रुपयों अभी तक नहीं मिले हैं.

बेसिक शिक्षा
बेसिक शिक्षा

By

Published : Jul 12, 2022, 3:48 PM IST

Updated : Jul 12, 2022, 7:29 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. दावा है कि स्कूलों की सूरत बदली जा रही है, लेकिन इनके दावे जमीन तक पहुंचते-पहुंचते खोखले साबित हो रहे हैं. हालत यह है कि सत्र शुरू होने के करीब तीन महीने बाद भी इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को किताबें नसीब नहीं हो पाई हैं. यूनिफॉर्म, बस्ता व जूतों के लिए सरकार की तरफ से दिए जाने वाले 1100 रुपयों अभी तक नहीं मिले हैं. यह पिछले साल का बकाया पैसा है. इस साल का पैसा कब तक अभिभावकों के खातों में आएगा? इसके बारे में अभी फिलहाल कोई जानकारी नहीं है.

उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों की संख्या करीब 1 लाख 30 हजार के आस-पास है. इन स्कूलों में करीब एक करोड़ 80 लाख बच्चे पढ़ते हैं. इन बच्चों को निशुल्क किताबें उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग की है. विभाग ने 1 जुलाई के स्थान पर 1 अप्रैल से नए सत्र की शुरुआत तो कर दी, लेकिन अभी तक व्यवस्थाएं नहीं हो पाई हैं. हालत यह है कि पूरे प्रदेश में एक भी बच्चे को अभी तक इस साल मिलने वाली सरकारी किताबें उपलब्ध नहीं हो पाई हैं, जबकि सत्र शुरू हुए करीब तीन महीने से ज्यादा का समय गुजर चुका है. बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम भी इस मामले में खामोशी साधे हुए हैं. बीते दिनों बार-बार सवाल उठने के बाद विभाग की तरफ से किताबें छापने के लिए टेंडर जारी किया गया है. कम से कम अभी दो महीने का समय और लगेगा तब जाकर कहीं इन बच्चों को किताबें नसीब होंगी.

उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अभी तक सरकार की तरफ से जूता, मोजा, बस्ता और यूनिफॉर्म उपलब्ध कराई जाती थी. पिछले सत्र से ही इस व्यवस्था में बदलाव किया गया है. अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों के खातों में 11 सौ रुपए ट्रांसफर किए जाने की व्यवस्था शुरू की गई है. नवंबर, दिसंबर 2021 में इसकी शुरुआत की गई थी. अभी तक सभी बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है.

ये भी पढ़ें : लाखों गरीब बच्चों को स्कूल भेजने वाला साइकिल गुरु, लखनऊ की सड़कों पर बैनर लेकर खड़ा रहने को मजबूर

प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा कि 30 से 35 फीसदी बच्चों के अभिभावकों के खाते में अभी तक पैसा नहीं पहुंचा है. ऐसे में बच्चे बिना यूनिफार्म के स्कूल पहुंच रहे हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Jul 12, 2022, 7:29 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details