लखनऊ: अयोध्या उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा शहर होगा, जिसे जलवायु स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा. इसमें आवास, नगर विकास, वन एवं पर्यावरण, ऊर्जा सहित कई अन्य विभागों की मदद ली जाएगी. इसके लिए पांच चीज़ों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
इनमें ऊर्जा और हरित भवन, शहरी नियोजन ग्रीन कवर और जैव विविधता, गतिशीलता और वायु गुणवत्ता, जल प्रबंधन और कचरा प्रबंधन हैं. ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए यहां ऊर्जा दक्षता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
नए अयोध्या में ग्रीन बिल्डिंग यानी ऐसे भवन बनाए जाएंगे जहां बिजली की खपत कम हो. एनर्जी कंजरवेशन बिल्डिंग कोड का भी यहां अनुपालन कराया जाएगा. जानकारों का मानना है कि इस तरह के भवन पर्यावरण के अनुकूल और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में सहायक होते हैं.
यहां इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन पर विशेष जोर दिया जाएगा. इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से ग्रीन हाउस गैसों में कटौती लाई जाएगी. यहां चलने वाली बसों की खास बात यह होगी कि यह 45 मिनट में चार्ज हो जाएंगी और 150 किलोमीटर का सफर तय करेंगी.
साथ ही यहां बिजली की कम खपत से आर्थिक व्यय में भी कमी आएगी. भवनों में ऊर्जा दक्षता वाले उपकरण लगाए जाएंगे. भवनों को ठंडा रखने के लिए लगने वाले कूङ्क्षलग सिस्टम भी ऊर्जा दक्षता वाले होंगे. पूरी अयोध्या को हरा-भरा रखने के लिए यहां पौधारोपण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा.