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सरकार का दावा, 15 करोड़ लाभार्थियों को अब तक मिला 200 लाख मीट्रिक टन मुफ्त अनाज

प्रदेश सरकार कोरोना काल में गरीब और बेसहारा लोगों का बड़ा संबल बनी है. प्रदेश सरकार ने 80 हजार कोटेदारों के माध्‍यम से हर गरीब व बेसहारा लोगों तक राशन पहुंचाने का काम किया है.

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Published : May 19, 2022, 5:55 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार
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लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने दावा किया है कि हर गरीब हर जरूरतमंद को फ्री राशन देने के वादे पर भाजपा की डबल इंजन सरकार खरी उतरी है. केन्‍द्र व राज्‍य सरकार की ओर से कोरोना काल के दौरान शुरू हुए राशन वितरण में प्रदेश ने अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक कुल 200 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्‍न वितरित कर रिकार्ड कायम किया है.

प्रदेश सरकार कोरोना काल में गरीब और बेसहारा लोगों का बड़ा संबल बनी है. प्रदेश सरकार ने 80 हजार कोटेदारों के माध्‍यम से हर गरीब व बेसहारा लोगों तक राशन पहुंचाने का काम किया है. योगी सरकार-2 बनते ही मुफ्त राशन योजना को 03 महीने और बढ़ाने के फैसले ने सीएम योगी के गरीबों के प्रति सेवा और समर्पण भाव को दिखाया है. फ्री राशन योजना के तहत 35 किलो राशन, दाल, चीनी, खाद्य तेल, नमक जैसी खाद्य वस्तुओं को लाभार्थी परिवारों को दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत फिलहाल पांचवें चरण में राशन वितरण किया जा रहा है.

प्रदेश में समस्त अन्त्योदय कार्डों और पात्र गृहस्थी के उन कार्डधारकों को जो मनरेगा श्रम विभाग एवं नगर निकाय में पंजीकृत मजदूर थे, उनको राज्य सरकार द्वारा अप्रैल से जून 2020 के बीच 8 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण कराया गया. वहीं आत्म निर्भर भारत योजनान्तर्गत प्रवासी/अवरुद्ध प्रवासी मजदूरों को कुल 12 हजार मीट्रिक टन खाद्यान्न एवं 1100 मीट्रिक टन चना का निःशुल्क वितरण किया गया. इसके अलावा पीएमजीकेएवाई योजना के अंतर्गत वर्ष 2020 से मार्च, 2022 तक कुल 134 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण किया गया. समस्त प्रकार के कार्डधारकों को जून, 2021 से अगस्त, 2021 के मध्य राज्य सरकार द्वारा 564 करोड़ रुपये का 23 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण किया गया. माह दिसम्बर 2021 से मार्च, 2022 तक कुल 18.71 लाख मीट्रिक टन गेहूं, 12.75 लाख मीट्रिक टन चावल तथा 1.35 लाख मीट्रिक टन साबुत चना, रिफाइण्ड, सोयाबीन, ऑयल एवं आयोडाइज्ड नमक (प्रत्येक सामग्री-1.35 लाख मीट्रिक टन ) का निःशुल्क वितरण किया गया. जिसका मूल्य 3800 करोड़ रुपये होता है.

यूपी सरकार राज्य में बीसी-सखियों के लिए खरीदेगी साड़ियां

महिलाओं को सशक्त बनाने और राज्य में हथकरघा बुनकरों के लिए रोजगार के व्यापक अवसर पैदा करने के दोहरे उद्देश्य को पूरा करते हुए, योगी सरकार बीसी-सखियों को निफ्ट रायबरेली द्वारा डिजाइन की गई एक लाख से अधिक साड़ियां देगी. हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार बीसी-सखी योजना के तहत काम करने वाली महिलाओं को वर्दी के रूप में दो हैंडलूम साड़ियां उपलब्ध कराएगी. इसके लिए सरकार हैंडलूम बुनकरों द्वारा बनाई गई साड़ियों को खरीदेगी. जानकारी के अनुसार काम में शामिल बुनकरों को डीबीटी के जरिए 750 रुपये प्रति साड़ी मजदूरी दी जाएगी.

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यूपी हैंडलूम के एमडी केपी वर्मा ने बताया कि बीसी-सखी के रूप में काम करने वाली 58,000 महिलाओं में से प्रत्येक को सरकार द्वारा दो साड़ियां दी जाएंगी. निफ्ट द्वारा भेजे गए डिजाइनों को मुख्यमंत्री ने पहले ही मंजूरी दे दी है और साड़ियों की बुनाई का काम प्रगति पर है. प्रत्येक साड़ी की कीमत 1934.15 रुपये और विभाग को 1.16 लाख साड़ी और ड्रेस सामग्री के लिए 22,43,61,400 रुपये की राशि जारी की गई है. यूपी हथकरघा विभाग ने इस संबंध में पांच उत्पादक कंपनियों को साड़ियां बनाने का काम सौंपा है. जिनमें से 3 वाराणसी जिले से और एक-एक मऊ और आजमगढ़ से हैं. यूपी हथकरघा पहले ही लगभग 537 बुनकरों को 1.20 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है और 12,837 से अधिक साड़ियां तैयार हैं.

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