कानपुर : जब कोई शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करता है तो कई चरणों में आवेदन की जांच होती है. यह देखा जाता है कि अगर आवेदनकर्ता को वाकई जरूरत है तो उसका लाइसेंस बनता है. हालांकि, इसके विपरीत कानपुर में कुछ सालों पहले फर्जी शस्त्र लाइसेंस बने. फिर उन लाइसेंसों पर कारतूस खरीदे गए और उनकी खेप आतंकवादियों तक पहुंच गई.
इसके बाद जब जांच शुरू हुई तो डीएम कार्यालय से लेकर शासन तक अफसरों के हाथ-पैर फूल गए. शहर के इस सबसे चर्चित मामले में फिर से एक नया ट्विस्ट आया गया है. करीब एक माह पहले डीएम नेहा शर्मा (DM Neha Sharma) ने 41 हजार शस्त्र लाइसेंसों के जांच के आदेश दिए थे. इनमें से हजारों की संख्या में शस्त्र लाइसेंस की फाइलें डीएम कार्यालय से रहस्यमय ढंग से लापता हो गईं. डीएम ने कहा कि कुछ फाइलें गायब हैं. हालांकि गोपनीय जांच से यह दिखवाया जा रहा है कि ये फाइलें कहां गईं.
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