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ट्रिपल तलाक पर कानून बनने के बाद भी बढ़ रहे हैं मामले: विमला बाथम

अलीगढ़ के सर्किट हाउस में जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने कहा कि इन दिनों ट्रिपल तलाक के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है.

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राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा विमला बाथम

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Published : Jul 22, 2022, 6:52 PM IST

अलीगढ़: राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम (Vimla Batham, chairperson of the Uttar Pradesh State Women's Commission) ने शुक्रवार को सर्किट हाउस में जनसुनवाई कार्यक्रम (Public hearing program at Circuit House) में भाग लिया. इस दौरान महिला आयोग की सदस्य मीना कुमारी और सदस्य रामसखी कठेरिया के साथ महिलाओं की समस्याएं सुनीं. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने बताया कि पति से प्रताड़ित महिलाओं की शिकायतों की संख्या ज्यादा है.

उन्होंने कहा कि पति और पत्नी के जब विचार आपस में नहीं मिलते हैं, तो बाद में वह खराब रूप में सामने आती है. उन्होंने कहा कि इसमें ज्यादातर पतियों की गलती होती है. क्योंकि पतियों का अफेयर कहीं दूसरी जगह होता है या दहेज मांगते हैं. पत्नी को घर से बाहर निकाल देते हैं. ऐसी स्थिति में अगर पत्नी को घर से बाहर निकाल दिया तो वह क्या करेगी. पत्नियों के लिए बहुत दिक्कत की बात सामने आती है.
विमला बाथम ने बताया कि तीन तलाक के मामले बहुत आ रहे हैं. मुस्लिम महिलाओं को पति तीन तलाक दे कर छोड़ देते हैं. पत्नी भटकती है. उन्होंने बताया कि तीन तलाक पर कानून बन चुका है. लेकिन पति इसको मान नहीं रहे हैं और कानून को भी धता बता दे रहे हैं. शौहर तीन तलाक दे कर पत्नी से अपना पिंड छुड़ा लेते हैं. लेकिन अब तीन तलाक कह देने से तलाक नहीं माना जा रहा है. इसको लेकर के भारत सरकार ने कानून बना दिया है. लेकिन त्रिपल तलाक के मामले कम नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक को लेकर महिला आयोग सख्त कदम उठा रहा है. कानूनी काम कानून से ही होने चाहिए. ट्रिपल तलाक बोल देने से काम नहीं चलेगा. जब हमारे पास कोई मामला आता है तो उसको बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है और ऐसे मामले में शौहर को अरेस्ट कर जेल भी भेजा जा रहा है.

राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा विमला बाथम

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वहीं, महिला आयोग में शिकायतों के पेंडिंग मामले पर उन्होंने बताया कि रोज लगभग 300 से ज्यादा शिकायतें आती हैं और जिसमें लगभग 200 शिकायतों का समाधान कर देते हैं और जो बचती हैं वह भी धीरे-धीरे हल होती हैं. उन्होंने बताया कि आयोग की कोशिश यह रहती है कि पति और पत्नी के बीच मेडिएशन करा कर घर बसाने का काम हो रहा है.

उन्होंने कहा कि आयोगघर उजाड़ने का काम नहीं करता. लेकिन जब कोई एक पक्ष अड़ जाता है कि हमें साथ नहीं रहना है तो फिर मजबूरी हो जाती है. फिर चार्ज सीट लगाकर मामले को कोर्ट भेजते हैं. वहीं, महिलाओं में एनीमिक की ज्यादा समस्या आने पर कहा कि सरकार गर्भवती महिलाओं के लिए पुष्टाहार योजना चला रही है. उन्होंने कहा कि घर वालों को भी महिलाओं को देखना पड़ेगा.


वहीं, द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने पर उन्होंने कहा कि महिला आयोग उन्हें बहुत बधाई देता है और यह महिला सशक्तिकरण का जीता- जागता उदाहरण है. इसे प्रधानमंत्री मोदी ने कैंडीडेट बनाकर उदाहरण के रूप में पेश किया है. उन्होंने कहा कि यह महिलाओं के लिए बहुत गर्व और गौरव की बात है.

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