आगरा: बीजेपी ने गुरुवार को आगरा जिले की दोनों लोकसभा सीट के प्रत्याशी घोषित कर दिए. इनमें से दोनों वर्तमान सांसदों के नाम काट दिए गए, जिसके कयास लगाये जा रहे थे. आगरा सुरक्षित और फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से सांसदों को दोबारा टिकट न मिलने की चर्चाएं जोरो पर थीं. गुरुवार को बीजेपी की समिति के प्रभारी जेपी नड्डा ने आगरा जिले की दोनों लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए. सूची में बीजेपी ने मौजूदा सांसदों के टिकट काटकर नए महारथियों पर दांव खेला है. पार्टी ने जहां आगरा सुरक्षित सीट से सूबे के कैबिनेट मिनिस्टर एसपी सिंह बघेल पर दांव खेला है, तो फतेहपुर सीकरी में जाट वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए एक बार फिर जाट प्रत्याशी के रूप में राजकुमार चाहर को मैदान में उतारा गया है. दोनों ही प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बीजेपी में जोश की लहर है और लोगों ने आतिशबाजी की.
आगरा सुरक्षित सीट से 3 बार से लगातार सांसद रहे राम शंकर कठेरिया का आखिरकार बीजेपी ने टिकट काट दिया. रामशंकर कठेरिया हाल में एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष रहे. आगरा से सांसद हैं, लेकिन आगरा सुरक्षित लोकसभा सीट की जलेसर विधानसभा और एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र में लगातार उनका विरोध हो रहा था. गांवों में जनसंपर्क के समय लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाने के साथ ही उनके खिलाफ नारेबाजी भी की थी. इसके साथ ही बीजेपी में एक असंतुष्ट गुट भी लगातार रामशंकर कठेरिया की शिकायत वरिष्ठ पदाधिकारियों तक पहुंचा रहा था. इतना ही नहीं अभी बीजेपी की ओर से हाल में लोगों को जोड़ने के लिए चलाए गए अभियानों में भी सांसद रामशंकर कठेरिया की सहभागिता बहुत कम थी. इसके साथ ही हाल में धनगर के प्रमाण पत्र को लेकर भी कैबिनेट मिनिस्टर एसपी सिंह बघेल और एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया में ठनी हुई थी.दोनों नेता कई बार मंच से भी एक-दूसरे के खिलाफ आग उगल चुके थे. इससे पार्टी की छवि खराब हो रही थी.