आगरा: जिंदगी में हिम्मत और हौसले से सब कुछ पाया जा सकता है. हमारी कोई लाचारी उड़ान की राह में बाधा नहीं बन सकती है. यह कर दिखाया है, ताजनगरी के दिव्यांग जितेन्द्र ने. जितेन्द्र आज अपनी हिम्मत और जुनून से आत्मनिर्भर बन गए हैं. जितेन्द्र का सोमवार को उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सम्मान किया. दो वर्ष पहले एक सड़क दुर्घटना में दोनों पैर गंवा चुके जितेन्द्र ने कृतिम पैर पाकर आत्मनिर्भर बने और अब किराए की मयूरी चलाकर अपनी आमदनी से परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं.
जितेन्द्र ने आत्मनिर्भर बनकर दिव्यांगों को दिया सन्देश: उत्तराखंड राज्यपाल
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के निवासी दिव्यांग जितेन्द्र को उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सम्मानित किया. दरअसल दो वर्ष पूर्व एक सड़क दुर्घटना में दोनों पैर गंवा चुके जितेन्द्र को रैनवो हॉस्पिटल में तत्कालीन उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने ट्राईसाइकिल भेंट की थी. इसके कुछ दिनों बाद वह कृतिम पैर लगवाकर आत्मनिर्भर बने और अब किराए की मयूरी चलाकर अपनी आमदनी से परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं.
राज्यपाल और लीडर्स आगरा ने की थी मदद
लीडर्स आगरा के महामंत्री एवं पूर्व पार्षद सुनील जैन ने बताया कि दुर्घटना में पैर गवां चुके जितेंद्र को 2 वर्ष पूर्व रैनवो हॉस्पिटल में तत्कालीन उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के प्रयास से सामाजिक संस्था लीडर्स आगरा ने ट्राईसाइकिल भेंट की थी. फिर राज्यपाल और लीडर्स आगरा के महामंत्री सुनील जैन के प्रयास से नगर के प्रमुख चिकित्सक डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने जितेंद्र की पत्नी का प्रसव ऑपरेशन नि:शुल्क किया था. उसके बाद जितेंद्र ने एक संस्था से दोनों कृतिम पैर लगवाए और अपनी हिम्मत, आत्मबल और आत्मविश्वास से मयूरी चलाना शुरू कर दिया. आज उसी मयूरी से जितेन्द्र अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं और आत्मनिर्भर होने की मिसाल पेश की है.