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11 साल से न्याय मांग रही आगरा की सुचिता, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

पिछले 11 साल से आगरा की सुचिता न्याय के लिए अधिकारियों के दफ्तरों के लगा रही चक्कर. पति पर बिना तलाक लिए दूसरी शादी करने का आरोप.

suchita fighting for justice in agra
suchita fighting for justice in agra

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Published : Nov 29, 2021, 9:54 PM IST

आगरा: ताजनगरी में एक विवाहिता अपने हक की लड़ाई पिछले 11 सालों से लड़ रही है. मामला हाई प्रोफाइल परिवारों से जुड़ा है. पीड़ित महिला का कहना है कि उसके पति ने बिना तलाक दिए ही दूसरी शादी कर ली. वहीं ससुराल के लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट से स्टे आर्डर (stay order) ले लिया. इस जालसाजी के बावजूद भी पुलिस ने अब तक आरोपियों को जेल नहीं भेजा है.

इस मामले में पीड़ित विवाहिता सुचिता का कहना है कि उसकी शादी वर्ष 2008 में रंगजी हाइट्स गेलाना मार्ग निवासी विजय अग्रवाल (Vijay Agarwal) से हुई थी. शादी के बाद सब ठीक चल रहा था, लेकिन धीरे-धीरे पति विजय ओर उसके परिजनों ने दहेज को लेकर मेरा शोषण शुरू कर दिया. मुझे तीन दिनों तक कमरे में बंद रखा. मैंनें पड़ोसियों से मदद मांग कर खुद को मुक्त कराया था. तब मेरे परिजन भी पहुंच गए थे.

न्याय मांग रही आगरा की सुचिता ने कहा कि मेरे परिजनों ने पति विजय अग्रवाल और उनके परिजनों पर दहेज को लेकर मुकदमा दर्ज कराया था. यह मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन था, लेकिन पति विजय ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में फर्जी दस्तावेज दाखिल कर स्टे आर्डर ले लिया. जब मुझे इस बात का पता चला तो मैंनें फिर पति विजय अग्रवाल और उसकी परिजनों के खिलाफ कोर्ट के माध्यम से धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया.

सुचिता ने कहा कि खाकी ने मेरा साथ नहीं दिया. आगरा पुलिस (Agra Police) ने इस मामले में एफआर लगा दी. आरोपी विजय अग्रवाल धोखाधड़ी के मामले में भी जेल नहीं गया. पुलिस ने आरोपी पति विजय अग्रवाल का साथ दिया. इस वजह से 11 सालों से न्याय पाने के लिए मैं दर-दर की ठोकरें खा रही हूं.

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सुचिता ने कहा कि इस मामले में 11 वर्षों के दौरान सैकड़ों जांच अधिकारी बदल गए. उन्होंने आगरा रेंज के आईजी नवीन अरोड़ा (Agra Range IG Naveen Arora) से न्याय की गुहार लगाई थी. उनकी जांच में जांच अधिकारी को दोषी पाया गया था और उसे लाइन हाजिर भी किया गया था. इस मामले की जांच अब न्यू आगरा थाना प्रभारी कर रहे हैं. उन्होंने भी जांच ठंडे बस्ते में डाल रखी है.

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