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चंबल नदी में बाढ़ से 40 गांव प्रभावित, विधायक और डीएम ने किया निरीक्षण - up news in hindi

आगरा जनपद में चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण तटवर्ती इलाकों के कई गांवों के रास्ते पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. करीब दस गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है.

flood in chambal river in agra
flood in chambal river in agra

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Published : Aug 5, 2021, 10:59 PM IST

आगरा: चंबल के बढते जलस्तर के कारण लोग अपने परिवार और पशुओं को साथ लेकर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं. लोग अपनी जान बचाने के लिए ऊंचे टीलों पर तंबू लगाकर रह रहे हैं. तहसील प्रशासन ने जिला प्रशासन से एनडीआरएफ टीम की मांग की. मध्यप्रदेश में हो रही बारिश और कोटा बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के चलते चंबल नदी का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है.

बाढ़ प्रभावित गांव का निरीक्षण करते विधायक, डीएम और एसएसपी

बुधवार को चंबल का जलस्तर पिनाहट घाट पर खतरे के निशान 132 मीटर को पार कर 135 मीटर पर पहुंच गया था. वहीं गुरुवार सुबह पिनाहट पर नदी का जलस्तर 135.80 मीटर रिकॉर्ड किया गया. तटवर्ती इलाकों के ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. चंबल खतरे का निशान से 4 मीटर ऊपर बह रही है. माना जा रहा है कि चंबल नदी का जलस्तर और बढ़ सकता है.

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तटवर्ती इलाकों के प्रभावित गांव से लोगों को निकालने के लिए प्रशासन ने वन विभाग के चार स्टीमर लगाए हैं. यहां लोगों को राहत सामग्री भी पहुंचायी जा रही है. यहां दस बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी हैं और ग्रामीणों की हरसंभव सहायता देने के निर्देश दिए गए हैं. बढ़ते जलस्तर को लेकर गुरुवार को जिलाधिकारी आगरा प्रभु एन सिंह, एसएसपी मुनिराज, क्षेत्रीय विधायक पक्षालिका सिंह ने पिनाहट चंबल घाट पहुंचे. उन्होंने बाढ़ प्रभावित गांव उमरैठा पुरा में ग्रामीणों को हर संभव सहायता का भरोसा दिया.

बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण करते डीएम

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चंबल नदी में बाढ़ के कारण आगरा के लगभग 40 गांव प्रभावित हैं. 10 गांवों में पानी भर गया है और इनका संपर्क पूरी तरह से टूट गया है. गांव के रास्ते पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. इन गांवों में बिजली की सप्लाई भी रोक दी गयी है. बाढ़ के चलते बाह और पिनाहट के गांव प्रभावित हुए हैं. यहां लोगों को खाने-पीने का सामान नहीं मिल पा रहा है. जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. बाढ़ प्रभावित लोगों की हर संभव सहायता की जाएगी. बाढ़ चौकियां बनायी जा चुकी हैं.

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