लखनऊ: देश के हर गरीबों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने 'आयुष्मान भारत योजना' चलाई है. जिससे हर गरीब और जरूरतमंद को मुफ्त इलाज मिल सकेगा, लेकिन प्रदेश में आज भी बहुत से ऐसे गांव हैं जहां प्रधानमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना से लोग कोसों दूर हैं.
ग्रामीणों के नहीं बन रहे गोल्डन कार्ड. ऐसा ही कुछ हाल सूबे की राजधानी लखनऊ के मऊ गांव का है, जहां जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से गरीब जनता को 'आयुष्मान भारत योजना' का लाभ नहीं मिल पाया है.
मजदूरी का पैसा बीमारी में लगाने को मजबूर हैं ग्रामीण
मोहनलालगंज विकासखंड के मऊ गांव में दर्जनों ऐसे लोग हैं जो गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. वहीं जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से गांव के लोंगो का अब तक गोल्डन कार्ड नहीं बन पाया है. जिससे उन्हें केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है और वह मेहनत मजदूरी कर एक-एक पैसा बीमारी में लगाने को मजबूर हैं.
अधर में लटकीप्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना
वहीं मऊ गांव के क्षेत्र पंचायत सदस्य मनीष तिवारी का आरोप है कि उन्होंने कई बार स्वास्थ्य विभाग और संबंधित अधिकारियों से मामले को लेकर शिकायत भी की. लेकिन अधिकारियों ने अभी तक कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है. ऐसे में प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना अधिकारियों की लापरवाही के चलते अधर में लटकी हुई है.