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हमीरपुर: कोरोना टेस्टिंग चिप से लैस ट्रूनॉट, अब मिलेगी फाइनल रिपोर्ट

यूपी के हमीरपुर जिला अस्पताल में कोरोना जांच के लिए लगाई गई ट्रूनॉट मशीन को और एडवांस कर दिया गया है. इस मशीन में कोरोना टेस्टिंग चिप इंस्टॉल कर दी गई है. इससे कोविड-19 की फाइनल जांच रिपोर्ट जिला अस्पताल में ही मिल जाएगी.

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ट्रूनेट मशीन को किया गया एडवांस .

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Published : Jun 26, 2020, 1:46 AM IST

हमीरपुर: दीवान शत्रुघ्न सिंह जिला अस्पताल में कोविड-19 की जांच को लेकर लगाई गई ट्रूनॉट मशीन को और एडवांस कर दिया गया है. इस मशीन में कोरोना टेस्टिंग चिप भी इंस्टॉल कर दी गई है. अभी तक इस मशीन से प्राप्त जांच को कन्फर्म करने के लिए मेडिकल कॉलेज कानपुर भेजा जाता था. मगर अब चिप इंस्टॉल होने के बाद मशीन से यहीं पर अंतिम जांच रिपोर्ट मिल सकेगी.

कोविड-19 महामारी से जूझ रहे लोगों को ट्रूनॉट मशीन से काफी सहूलियत मिलेगी. जांच में देरी की वजह से सामान्य मरीजों के उपचार में भी दिक्कतें आ रही थीं. खासतौर पर सर्जरी वाले मरीजों को कोरोना जांच करानी होती है. प्राइवेट तौर पर होने वाली इस जांच में चार से पांच हजार रुपये का खर्चा आता है और समय भी ज्यादा लगता है. इसकी वजह से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

लिहाजा मरीजों की इस समस्या को देखते हुए जिला अस्पताल में इसी माह ट्रूनॉट मशीन लगाई गई थी, जिसमें एक बार में दो सैंपल की जांच हो जाती है. मशीन में अगर किसी मरीज की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसे अंतिम न मानते हुए फाइनल जांच के लिए सैंपल कानपुर मेडिकल कॉलेज भेजा जाता है, जिसमें दो से तीन दिन का समय लग जाता है.

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरके सचान ने बताया कि अब ट्रूनॉट मशीन से कोरोना वायरस की फाइनल जांच होगी. अब कोई भी सैंपल कन्फर्म करने के लिए कानपुर मेडिकल कॉलेज नहीं भेजा जाएगा. ट्रूनॉट मशीन में कोरोना टेस्टिंग चिप इंस्टाल की जा रही है. अब आसानी से कोरोना की फाइनल जांच जिला अस्पताल में हो जाएगी, इससे मरीजों की समस्या कम होगी.

अभी तक इस मशीन में जिस भी मरीज की कोरोना जांच पॉजिटिव आती है, उसे तत्काल आइसोलेट कर दिया जाता है और फाइनल जांच आने तक उसकी जिला अस्पताल में ही निगरानी होती है. मगर अब जिस मरीज की जांच पॉजिटिव आती है तो उसे तत्काल स्वास्थ्य विभाग मेडिकल कॉलेज बांदा के लिए रेफर कर देगा. सीएमओ ने बताया कि अभी चिप इंस्टॉल किए जाने की प्रक्रिया चल रही है. इसके बाद लैब टेक्नीशियन की ट्रेनिंग कराई जाएगी, ताकि जांच करने में किसी किस्म की कोई दिक्कत न हो.

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