गोरखपुर : ऑक्सीजन प्लांट पर ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ कतार में खड़े ये लोग जिंदगी और मौत के बीच बेबसी की कहानी बयां कर रहे हैं. ये वो तीमारदार हैं जिनके किसी अपने की उखड़ती सांसों की उम्मीद ऑक्सीजन पर टिकी हुई है. चिलचिलाती धूप में खड़े ये लोग बस यही उम्मीद लगाए बैठे हैं कि किसी तरह उनका नंबर आ जाए और उन्हें भरा हुआ ऑक्सीजन सिलिंडर मिल जाए और वह किसी अपने की जान बचा सकें. अस्पताल से लेकर ऑक्सीजन प्लांट तक बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को लाइन में खड़े देखा जा सकता है.
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क्यों लगी है लाइन
गोरखपुर में कोरोना 2.0 ने कहर बरपा रखा है. अस्पताल फुल हैं. लोगों को आक्सीजन की कमी की वजह से अपनों को खोना पड़ रहा है. कोई सड़क पर दम तोड़ रहा है तो कोई अस्पताल में. लोग किसी अपने को बचाने के लिए सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से गुहार लगा रहे हैं. प्रशासनिक अमला खामोश है. ऑक्सीजन प्लांट वाले सब कुछ सामान्य होने के दावे कर प्रशासनिक अफसरों के गुणगान कर रहे हैं. लेकिन सब कुछ सामान्य है तो आखिर यहां सिलिंडरों और तीमारदारों की लंबी कतारें क्यों लगी हैं. क्या वजह है कि सुबह 8 बजे से यहां आने वाले अस्पताल प्रबंधन के लोगों के साथ आम आदमी को भी आक्सीजन नहीं मिल पा रहा है. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमें का दावा है कि आक्सीजन की कोई कमी नहीं है. फिर आखिर ये लाइनें क्यूं है.
खुद कर रहे ऑक्सीजन का इंतजाम
गोरखपुर के गीडा में आर.के ऑक्सीजन फैक्ट्री की ये तस्वीरें बेबसी की कहानी खुद बयां कर रहीं हैं. प्रशासनिक दावे कितने सही हैं, इसका उदाहरण भी देख लीजिए. गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से लेकर निजी नर्सिंगहोम तक ऑक्सीजन की कमी से हाहाकार मचा हुआ है. हालांकि प्रशासन इसे ना तो मानने को तैयार है और ना ही कुछ बोलने को. लेकिन, इस प्लांट पर ऑक्सीजन भरवाने आए लोगों की बेबसी सारी कहानी खुद-ब-खुद बयां कर देती है. इनमें से अधिकतर लोगों को अपने मरीज के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम खुद करना पड़ रहा है.
नहीं मिल रही ऑक्सीजन
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पास से 33 किलोमीटर दूर गीडा में ऑक्सीजन लेने के लिए आए मुर्शीद बताते हैं कि उनकी चाची का ऑक्सीजन लेवल डाउन हो गया है. वे बताते हैं कि वो सुबह 8 बजे से खड़े हैं. 3 से 4 घंटे बीत जाने के बाद भी गार्ड खाली सांत्वना दे रहा है कि ऑक्सीजन मिल जाएगा. लेकिन कब मिलेगा, ये कोई नहीं बता रहा है. वे पहली बार यहां पर ऑक्सीजन लेने के लिए आए हैं. वे बताते हैं कि कई लोग धूप में खड़े होकर ऑक्सीजन मिलने का इंतजार कर रहे है.
प्रशासन की कर रहे हैं तारीफ
आर.के ऑक्सीजन फैक्ट्री के मालिक कुशाग्र जायसवाल ऑक्सीजन की किसी भी तरह की कोई कमी नहीं होने के दावे करते हुए प्रशासनिक अफसरों की तारीफ कर रहे हैं. वे कहते हैं कि किसी को भी ऑक्सीजन दिए बगैर वापस नहीं किया जा रहा है. वे कहते हैं कि अस्पताल और तीमारदारों को भी ऑक्सीजन मुहैया कराई जा रही है. जिलाधिकारी का भी इसमें योगदान है.