लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन का बुरा असर हर वर्ग के लोगों पर दिख रही है. गरीब, मजदूर और दुग्ध उत्पादक लॉकडाउन की मार से बेहाल हैं. व्यापार पूरी तरह से ठप होने से व्यापारी वर्ग भी खासा परेशान है. लॉकडाउन के दौरान लखनऊ में दूध की बिक्री में गिरावट हुई है, जिससे दुग्ध उत्पादक बहुत परेशान हैं. दूध की कम खपत होने से आमदनी प्रभावित हुई है. ऐसे में जानवरों को चारा खिलाना महंगा सौदा साबित हो रहा है.
लखनऊ: लॉकडाउन के कारण दूध की बिक्री हुई कम, उत्पादक परेशान
लॉकडाउन के दौरान लखनऊ में दूध की बिक्री में गिरावट आई है. राजधानी लखनऊ में दूध मंडी बनाई गई है, ताकि दुग्ध उत्पादक वहां उचित दाम में दूध की बिक्री कर सकें. बाजार में मांग न होने के कारण दुग्ध उत्पादकों को औने-पौने दाम में दूध बेचना पड़ रहा है.
राजधानी लखनऊ में दुग्ध उत्पादक की आमदनी बढ़ाने के लिए दूध मंडी बनाई गई, जिसमें दूर-दूर से दुग्ध उत्पादक दूध बेचने लिए आते हैं. पर आलम यह है कि मंडी में व्यापारी और ग्राहक नदारत हैं. लिहाजा किसानों का दूध कौड़ी के भाव बिक रहा है. इस वजह से दुग्ध उत्पादकों की स्थिति बदतर होती जा रही है.
लखनऊ दूध मंडी पहुंच दुग्ध उत्पादक रामशंकर ने बताया कि इस समय दूध के खरीदार बाजार में नहीं हैं और मिठाई के प्रतिष्ठान भी बंद हैं. साथ ही पहले 40 से 60 रुपये प्रति लीटर बिकने वाला दूध अब महज 25 से 30 रुपये प्रति लीटर में बिक रहा है. इसके अलावा बाजार में जानवरों का चारा भी महंगा मिल रहा है. इस कारण जानवरों को चारा खिला पाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में दुग्ध उत्पादकों के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है.