देवरिया: पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले में शहीद विजय कुमार मौर्य का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके गांव छपिया जयदेव पहुंचा. उनके अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ पड़ा. वहां मौजूद हर शख्स की आंख नम हो गयी. हिंदुस्तान जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे.
रात 11:30 बजे हुआ अंतिम संस्कार. वहीं परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. उनका कहना था मुख्यमंत्री आएंगे तब अंतिम संस्कार किया जाएगा. इसके बाद जिलाधिकारी और एसपी के समझाने पर परिजन अंतिम संस्कार करने को तैयार हुए. शहीद विजय कुमार मौर्य को उनके पिता ने मुखाग्नि दी.
सीआरपीएफ के आए जवानों ने अपने शहीद साथी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद शहीद को अंतिम संस्कार के लिए ले जाना था, लेकिन शहीद विजय मौर्य के परिवारवालों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और मुख्यमंत्री को बुलाने की बात करने लगे. वहां मौजूद कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही और राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल ने परिजनों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन जब परिजन नहीं माने तो मंत्री जी वहां से चले गए.
इसके बाद वहां मौजूद जिलाधिकारी अमित किशोर और पुलिस अधीक्षक एन कोलांची ने परिजनों को समझाना शुरू किया और रात के 11:30 बजे परिजन शहीद का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुए. वहीं कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही का कहना था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शहीद के पत्नी और भाई से फोन पर दो बार बात की.
मुख्यमंत्री जी और हमारी प्रदेश सरकार शहीदों के लिए इतने संवेदनशील हैं कि उन्होंने शुक्रवार को ही जिले की प्रभारी मंत्री को शहीद के घर भेजा और सरकार की तरफ से आर्थिक मदद के रूप में शहीद की पत्नी विजय लक्ष्मी को 20 लाख और पिता को 5 लाख का चेक दिया. जिलाप्रशासन के लोग शुरू से शहीद परिवार के साथ लगे थे हम उनको आभार प्रकट करते हैं और शहीद परिवार को सरकार की तरफ से आगे जो भी मदद हो सकेगी की जाएगी.