जौनपुर: बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्याकंन में अध्यापकों को अजीबों-गरीब स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. नकल विहीन परीक्षा का असर छात्रों की कॉपियों में देखने को मिल रहा है. छात्रों ने शिक्षक को प्रभावित करने के लिए शेरो शायरी और मनोरंजक कहानियां तक लिख डाली हैं. इनके माध्यम से कॉपियों को भरने की कोशिश की है. वहीं बोर्ड परीक्षा में लिखी इन कहानियों और शेर-ओ-शायरी से परीक्षक अपना मनोरंजन कर रहे हैं.
बोर्ड परीक्षाओं : नहीं मिली नकल तो कॉपियों में लिख डाली शायरी और मनोरंजक कहानियां
ये उत्तर पुस्तिकाएं यूपी बोर्ड के तहत होने वाले हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं का हाल भी बयां कर रही हैं. इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं. पढ़ाई में किस कदर कमी आ चुकी है. यही वजह है कि इस बार यूपी बोर्ड के रिजल्ट में काफी गिरावट रहने की आशंका है.
इस तरह की भाषा भी कॉपियों में लिखी मिली है.सर प्लीज पास कर देना, एक नंबर की नकल नहीं हुई है.बहुत सख्ती थी सर, योगी जी बहुत सख्ती किए थे.पासिंग नंबर दे देना, जो लिखा हूं अपने से लिखा हूं. मैं आपका बच्चा हूं. कुछ तो दे देना सर जी, नहीं तो जान देना पड़ेगा सर. इसमें भी तमाम शाब्दिक अशुद्धियां हैं.
जौनपुर के जनक कुमारी इंटर कॉलेज मूल्यांकन केंद्र के प्रभारी एवं प्रधानाचार्य जंग बहादुर सिंह ने बताया कि इस बार बोर्ड परीक्षा में सीसीटीवी और वॉइस रिकॉर्डर का बड़ा असर देखने को मिल रहा है. परीक्षा नकल विहीन होने के कारण छात्रों ने पास ना हो पाने की स्थिति में शेरो शायरी और कहानियां तक लिखी है, लेकिन इनका शिक्षक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है. केंद्र प्रभारी का कहना है कि नकल पर सख्ती के कारण इस बार इस तरह की काफी कॉपियां निकल रही है.नकल विहीन परीक्षा कराई गई है.