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Published : Jun 22, 2020, 8:09 PM IST

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बलरामपुर: बाढ़ जैसी आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन तैयार

यूपी के बलरामपुर में राप्ती नदी के कटान को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ आने से पूर्व तटबंधों की मरम्मत का कार्य तेजी से कराया जा रहा है. जिलाधिकारी, सदर विधायक और अन्य अधिकारी मिलकर तटबंधों का निरीक्षण कर रहे हैं.

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बाढ़ जैसी आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन तैयार

बलरामपुर:राप्ती नदी के कटान से जिले की आधी से अधिक आबादी हर वर्ष प्रभावित होती है. कटान को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ आने से पूर्व तटबंधों की मरम्मत का कार्य तेजी से कराया जा रहा है. जिलाधिकारी, सदर विधायक व अन्य अधिकारी मिलकर तटबंधों का निरीक्षण कर रहे हैं, जिससे बाढ़ खंड के अधिकारी तेजी से कार्य पूर्ण कर सकें. इससे जिले के लोगों को बाढ़ की विभीषिका से बचाया जा सके.

जिले में बरसात शुरू होते ही राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है. सदर विधायक पलटू राम और जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने कोडरी घाट, सिसई घाट तथा बेल्हा तट बंध का निरीक्षण कर बाढ़ के दौरान नदी के कटान को रोकने व तटबंध की सुरक्षा का निर्देश बाढ़ खंड केे अधिशासी अभियंता को दिया. जिलाधिकारी ने भगवतपुर, महुआ धनी व बभनपुरवा बांधों का निरीक्षण किया. जिस पर कटान वाले स्थलों को चिन्हित कर पत्थर व बालू की बोरियों को तैयार रखने का निर्देश बाढ़ खंड के अभियंताओं को दिया गया है.

सदर विधायक पलटू राम ने बताया कि सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में धन हानि एवं जनहानि को रोकने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है. योगी सरकार के गठन के बाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में काफी काम किया गया है.

जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया कि जिले में 34 कटान क्षेत्र हैं, जो अति संवेदनशील माने जाते हैं. इस पर विभिन्न माध्यमों से कार्य कराया गया है. सभी स्थानों पर पत्थर बोरी, जियो ट्यूब आदि की व्यवस्था कर ली गई है. उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान 150 से ज़्यादा ग़ांव बड़े पैमाने पर प्रभावित होते हैं, जो नदी या नाले के मुहाने पर बसे हुए हैं.

जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को राहत देने के लिए इस वक्त युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. राप्ती लगातार हुई बरसात के बाद 6 मीटर की ऊंचाई से बह रही है. राप्ती 2 से 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पिछले 3 दिनों से बढ़ रही थी, लेकिन आज इसकी स्थिति स्थिर बनी हुई है.

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