लखनऊ : साइबर क्राइम और साइबर क्रिमिनल न सिर्फ उत्तर प्रदेश पुलिस बल्कि देश की सभी एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती है. साइबर अपराध के आगे उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों की पुलिस बेबस है. ऐसे कई राज्यों के लिए मुसीबत बन चुके इन विदेशी साइबर अपराधियों के लिए विदेश मंत्रालय की लापरवाही भी कम जिम्मेदार नहीं है, जो पढ़ने के नाम पर हिंदुस्तान आते हैं और फिर लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने लगते हैं.
विदेशों से पढ़ने आए छात्र बन रहे साइबर अपराधी. उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के एमडी की ईमेल स्पूफिंग कर लाखों रुपये मंगवाने का मामला हो या फिर मुरादाबाद के ग्रामीण बैंक की ईमेल आईडी हैक कर कॉपरेटिव बैंक से रुपये मंगवाने की घटना. ईमेल स्पूफिंग की तमाम घटनाओं को अंजाम देने वाले गैंग को लखनऊ साइबर सेल ने बीते पखवाड़े दबोचा तो सामने नाइजीरियन मास्टरमाइंड आया.
पता चला नाइजीरिया से स्टूडेंट विजा पर भारत पढ़ने आए ऑस्कर ने ईमेल स्पूफिंग के जरिए इस ठगी के कारोबार को चला रखा था. लखनऊ साइबर सेल की पूछताछ में ऐसे तमाम दूसरे नाइजीरियन गैंगो का भी पता चला जो दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में बैठकर देशभर में लोगों को निशाना बनाते हैं.
रोमानिया और नाइजीरिया के पकड़े गए गैंग तो एक बानगी हैं. ऐसे तमाम विदेशी दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों की गलियों में टूरिस्ट और स्टूडेंट वीजा लेकर घूम रहे हैं और हिंदुस्तान के लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं. ऐसे विदेशियों पर निगाह रखने वाला विदेश मंत्रालय भी कम लापरवाह नहीं है. पकड़े गए ऑस्कर का पासपोर्ट और वीजा खत्म तक हो गया, लेकिन उसको भारत से वापस भेजने की सुध विदेश मंत्रालय ने नहीं ली.