लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी कई प्रमुख सीटों पर अपने नेताओं और प्रमुख दावेदारों की खींचतान की वजह से उम्मीदवारों का ऐलान नहीं कर पा रही है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद इन प्रमुख सीटों पर प्रत्याशी उतारने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी महामंत्री संगठन सुनील बंसल सहित अन्य कई लोगों से चर्चा की, फिर भी प्रत्याशी चयन में विलंब हो रहा है.
मुख्य रूप से योगी आदित्यनाथ की परंपरागत सीट रही गोरखपुर सीट से उपचुनाव में भाजपा हार गई थी. बदली हुई परिस्थितियों में गोरखपुर उपचुनाव में भाजपा को हराने वाले प्रवीण निषाद भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं. भाजपा से चुनाव लड़ने वाले प्रमुख दावेदार ऐसे में पार्टी चुनाव लड़ाए या नहीं, इसको लेकर पशोपेश में फंसी हुई है.
इसके साथ ही संतकबीर नगर सीट पर भी काफी खींचतान मची हुई है. इसके पीछे की वजह जूता कांड है. निवर्तमान सांसद शरद त्रिपाठी और विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच मारपीट की घटना से पार्टी शरद त्रिपाठी को दोबारा चुनाव मैदान पर नहीं उतारना चाहती है. संतकबीर नगर पार्टी किसी नए चेहरे को या फिर शरद त्रिपाठी के पिता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी को चुनाव लड़ाने की चर्चा हो रही है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता केंद्रीय मंत्री रहे कलराज मिश्रा की सीट देवरिया पर भी स्थिति ठीक नहीं बताई जा रही है. कलराज मिश्रा के चुनाव न लड़ने के इनकार किए जाने के बाद पार्टी इस सीट पर किसी बड़े नेता को चुनाव मैदान पर उतारना चाहती है. हालांकि मीडिया से बीजेपी में आए शलभ मणि त्रिपाठी मुख्य दावेदार इस सीट पर बताए जा रहे हैं. इसके अलावा देवरिया से योगी सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी चुनाव लड़ने को लेकर छटपटा रहे हैं. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि पार्टी संतकबीर नगर के सांसद शरद त्रिपाठी की सीट बदल कर उन्हें देवरिया से भी चुनाव लड़ा सकती है.