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जिससे उपचुनाव हारी थी भाजपा, उसी से मिला लिया हाथ

बीजेपी नेतृत्व की लाख कोशिशों के बावजूद गोरखपुर उपचुनाव में सीट नहीं बचा पाई. इस चुनाव में निषाद पार्टी ने भाजपा को हरा कर सबको चौका दिया था. अब उसी निषाद पार्टी से भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन कर लिया है.

निषाद पार्टी का भाजपा के साथ गठबंधन

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Published : Apr 5, 2019, 10:09 PM IST

लखनऊ : बीजेपी जिस निषाद पार्टी से लोकसभा का गोरखपुर उपचुनाव हार गई थी. बीजेपी अपने प्रत्याशी उपेंद्र शुक्ला को चुनाव नहीं जीता पाई थी. इस चुनाव को हारने के बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी प्रतिष्ठा तार-तार हो गई थी और बीजेपी नेतृत्व की लाख कोशिशों के बावजूद गोरखपुर सीट नहीं बचा पाई. उसी निषाद पार्टी से भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन कर लिया और प्रवीण निषाद को भाजपा में शामिल कर लिया है.

निषाद पार्टी का भाजपा के साथ गठबंधन

दरअसल, गोरखपुर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई सीटों को प्रभावित करने वाले निषाद समाज वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा ने निषाद पार्टी से गठबंधन किया है, जिससे पूर्वांचल में बीजेपी की चुनावी राह आसान हो सके. ऐसे में बीजेपी को निषाद पार्टी से गठबंधन करने में न संकोच हुआ और न ही किसी प्रकार की कोई दिक्कत हुई.

गोरखपुर लोकसभा सीट से बीजेपी उप चुनाव हार गई थी. जिसको लेकर उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में बीजेपी की छीछालेदर हो चुकी थी. भाजपा इन सभी चीजों को भूल गई 2019 में किसी भी प्रकार के नुकसान से बचने के लिए निषाद पार्टी से गठबंधन कर लिया. गोरखपुर सांसद प्रवीण निषाद को भाजपा की सदस्यता दे दी. संकेत मिल रहे हैं कि प्रवीण निषाद को भाजपा गोरखपुर सीट पर चुनाव मैदान में उतार सकती है.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. समीर सिंह कहते हैं कि निषाद पार्टी का संगठन नीचे तक है. समाज में अच्छी पकड़ व पैठ है. ऐसे में वह बीजेपी के साथ गठबंधन किए हैं. इसका स्वाभाविक रूप से बीजेपी को फायदा होगा.

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