लखनऊ : राजधानी लखनऊ स्थित ऐतिहासिक इमारत छतर मंजिल में खुदाई के दौरान वर्षों पुरानी एक नाव मिली है. बता दें छतर मंजिल में पिछले कुछ दिनों से पुरातत्व विभाग खुदाई कर रहा है और इस दौरान छतर मंजिल के पिछले हिस्से में करीब 30 फीट लंबी और 8 फीट चौड़ी एक नाव मिली है. इससे पहले खुदाई के दौरान पिछले हिस्से में ही 2 सुरंगें मिल चुकी हैं.
लखनऊ : छतर मंजिल में खुदाई के दौरान मिली वर्षों पुरानी नाव - tunnel
पुरातत्व विभाग पिछले कुछ दिनों से ऐतिहासिक इमारतों में शुमार छतर मंजिल में खुदाई कर रहा है. पुरातत्व विभाग की इस खुदाई में वर्षों पुरानी एक नाव मिली है.
छतर मंजिल
जानें क्या है छतर मंजिल
- राजधानी लखनऊ के बीचोंबीच स्थित छतर मंजिल ऐतिहासिक इमारत है.
- बताया जाता है कि इस भवन का प्रयोग मुख्य रूप से अवध के नवाबों की बेगमों के रहने के लिए किया जाता था.
- छतर मंजिल का निर्माण नवाब सहादत अली खान ने 1798 ईसवीं में कराया था.
- सहादत अली खान ने अपनी मां छतरपुर के नाम पर ही इस इमारत का नाम रखा था.
- छतर मंजिल को इंडो-इटालियन स्थापत्य का बेजोड़ नमूना कहा जाता है.
- इमारत की निचली दीवारों से गोमती का पानी टकराता था और इमारत के निचले हिस्से में पानी भरा रहता था.
इतिहासकारोंकी मानें तो भवन के निचले हिस्से में गोमती का पानी भरा रहता था और गोमती के रास्ते ही नाव की मदद से बेगमें छतर मंजिल से शहर स्थित दूसरी इमारतों में जाया करती थीं. इमारत में कई सुरंगें भी बनाई गईं थीं, जिससे आपातकाल की स्थिति में बेगमों को छतर मंजिल से बाहर निकाला जा सके.