उदयपुर.अजमेर एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई को (Acb Action in Udaipur) अंजाम दिया है. एसीबी टीम ने उदयपुर के कानोड़ नगरपालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के साथ अध्यक्ष के पति को भी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. एसीबी ने इन्हें कंप्यूटर साग्री सप्लाई के लिए बिल भुगतान की एवज में रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. वहीं, एसीबी के जयपुर ग्रामीण इकाई ने कार्रवाई करते हुए पंचायत समिति के कनिष्ठ सहायक को 6 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया कि एसीबी अजमेर इकाई को परिवादी ठेकेदार की ओर से शिकायत दी गई थी. इसमें बताया था कि नगर पालिका मण्डल कानोड़ में सप्लाई किए सामाग्री के बिल पास करने की एवज में नगर पालिका अध्यक्ष चंदा मीणा, पति सत्यनारायण मीणा की ओर से 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है. एसीबी अजमेर के उप महानिरीक्षक समीर कुमार सिंह के सुपरवीजन में एसीबी अजमेर इकाई के उप अधीक्षक राकेश कुमार वर्मा के निर्देशन में शिकायत का सत्यापन करते हुए ट्रैप की कार्रवाई की गई.
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टीम ने कार्रवाई करते हुए पालिका की अध्यक्ष चंदा मीणा (Kanod Municipality chairperson Arrested), उपाध्यक्ष नरेंद्र बाबेल और अध्यक्ष पति सत्यनारायण मीणा को 30 हजार रुपए रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि परिवादी पूर्व में भी 80 हजार की रिश्वत राशि दे चुका है. एसीबी टीम तीनों आरोपियों को लेकर भिंडर थाने पहुंची है, जहां आगे की कार्रवाई चल रही है.
6 हजार रुपए की रिश्वत लेते कनिष्ठ सहायक गिरफ्तारःएसीबी के जयपुर ग्रामीण इकाई ने कार्रवाई (Acb Action in Jaipur) को अंजाम देते हुए गोविंदगढ़ पंचायत समिति के कनिष्ठ सहायक को 6 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि परिवादी का प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भुगतान रुका हुआ था और भुगतान करने की एवज में गोविंदगढ़ पंचायत समिति के कनिष्ठ सहायक लोकेश कुमार ने 10 हजार रिश्वत की रिश्वत मांगी.
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इस पर परिवादी ने एसीबी मुख्यालय में इसकी शिकायत की और एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद गुरुवार को ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम देते हुए कनिष्ठ सहायक लोकेश कुमार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. परिवादी की मां के नाम पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दूसरी किस्त का भुगतान करने के एवज में रिश्वत की मांग की गई. कनिष्ठ सहायक लोकेश कुमार ने सत्यापन के दौरान 4 हजार रुपए परिवादी से प्राप्त किए और आज रिश्वत की शेष राशि 6 हजार रुपए लेते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी के आवास व अन्य ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है. साथ ही आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान शुरू किया गया है.