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टोंक सेंट्रल जेल में अवैध वसूली का आरोप...कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

टोंक सेंट्रल जेल में हवालाती बंदियों से हफ्ता वसूली, सुविधा शुल्क और शारीरिक यातनाओं की शिकायत एक बंदी के परिजनों और दिल्ली से आए अधिवक्ता ने टोंक जिला कलेक्टर से कर जेल को लेकर बड़े सवाल किए हैं. उसके बाद जिला कलेक्टर ने जेल में चल रहे 'खेल' की जांच के लिए सीओ जिलापरिषद को जांच के आदेश दिए हैं.

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अवैध वसूली का गोरखधंधा

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Published : Jul 31, 2020, 3:13 PM IST

टोंक. वकील राजेंद्र सिंह तोमर के साथ सवाई माधोपुर के एक बंदी के कुछ परिजनों ने जिला कलेक्टर को शिकायत कर टोंक के जिला कारागृह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए है. जेल में अवैध वसुली का आरोप लगाते हुए जेल अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत की शिकायत है. साथ ही जेल में बंद अपने मुव्वकिल की सुरक्षा की मांग भी की गई है. वहीं इस मामले पर कानूनी कार्रवाई की मांग जिला न्यायाधीश और पुलिस अधीक्षक से की गई है.

टोंक सेंट्रल जेल में चल रहा है अवैध वसूली का गोरखधंधा

हवालाती बंदी को यातनाएं और पैसे वसूलने की शिकायत में लिखा गया है कि जिला कारागृह में हवालाती बंदी हैं, जो इसी साल 18 फरवरी को जेल शिफ्ट हुए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि इसी जेल में चंबल कांड के आरोप में उम्र कैद काट रहे कैदी सहित कुछ अन्य बंदी कई सालों से बंद हैं.

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वो अन्य बंदियों खासतौर पर हवालाती बंदियों से जबरन जेल में काम करवाते हैं, प्रताड़ना और मारपीट से बचने के लिए परिवारों से पैसे मंगवाते हैं. जेल के लंगर इंजार्च (कैदी) भी इस कार्य में सम्मलित हैं, जो कैदियों को ठीक प्रकार का भोजन देने के लिए करीब 3 हजार रुपए महीना वसूल करता है. वहीं, पैसे नहीं देने पर मारपीट आदि करते हैं.

शिकायतकर्ता अधिवक्ता के अनुसार पीड़ित बंदियों के परिजन ने बताया कि उनके बंदियों की मांग पर करीब पचास हजार रुपए उनको बचाने के लिए दे चुके हैं. जेल के यह तीनों कैदी पेटीएम, फोन-पे आदि के माध्यम से रुपए ट्रांसफर करवाने के साथ-साथ कारागृह में निषेध जर्दा, गुटखा, बीडी, सिगरेग सहित अन्य नशीली सामग्री अन्य कैदियों के परिवार वालों को लाने पर मजबूर करते हैं.

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