टोंक. देवली उपखंड की दूनी कस्बे में निर्माणाधीन न्यायालय भवन में आने-जाने वाले मार्ग पर बनाए पिल्लर तोड़ने और उसके बाद दीवार को तोड़ने को लेकर हुए विवाद ने सोमवार को तूल पकड़ लिया. इस दौरान वकील और दूनी तहसीलदार विनीता स्वामी आमने हो गए. तहसीलदार भी कुर्सी लगाकर मौके पर ही धरने पर बैठ गई.
दूनी तहसीलदार और वकील हुए आमने-सामने बता दें कि पिछले दिनों निर्माणाधीन न्यायालय भवन में मार्ग पर बनाए गए पिलर को तहसीलदार विनीता स्वामी ने अवैधानिक कार्य बताकर जेसीबी मशीन से तुड़वा दिया था. इसके विरोध में अभिभाषक संघ आक्रोशित हो गए. इस सूचना पर टोंक एडीएम सुखराम खोखर मौके पर पहुंचे और अभिभाषकों से समझाइश की लेकिन अभिभाषक पिलर तोड़े गए, वहां से ही न्यायालय भवन के लिए रास्ता दिए जाने की मांग पर अड़े रहे.
जबकि तहसीलदार अपनी कार्रवाई को सही बता कर वहां से रास्ता नहीं दिए जाने को लेकर मुख्य द्वार पर कुर्सी लगाकर बैठकर अड़ गई. बढ़ते विवाद से वकील भी धरने पर बैठ गए और तहसीलदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए घाड़ थानाधिकारी अधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया. इधर, तहसीलदार ने भी अधिवक्ताओं को तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किए जाने पर गिरफ्तार करने की धमकी दी.
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बढ़ते विवाद को देखकर तो जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने तहसीलदार विनीता स्वामी को एपीओ कर मामले को शांत किया और बनाई गई दीवार पुन तोड़कर को न्यायालय भवन के लिए रास्ता दिया गया. इस मामले पर राजस्व और मंत्रालयक कर्मचारियों का कहना है कि यह जो रास्ता निकाला गया है, वह तहसील की आवंटित भूमि है. अगर न्यायालय के पास उसकी भूमि या कोई आदेश हो तो रास्ता निकाले. पटवारी संघ का कहना है कि अगर नियम विरुद्ध रास्ता निकाला जाता है तो पूरे जिले के पटवार संघ के की ओर से 91 वन के कैंप और अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई में भाग नहीं लिया जाएगा. समस्त जिम्मेदारी टोंक जिला प्रशासन की होगी.