सादुलशहर (श्रीगंगानगर).पंजाब निवासी एक मां-बाप ने अपने बेटे की जिंदगी बचाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है. ये दंपती सब जगह से निराश होकर अब श्रीगंगानगर में इलाज करवा रहे हैं. अब उन्हें अपने बेटे के इलाज के लिए मदद की दरकार है.
पंजाब निवासी बलदेव सिंह और कर्मजीत कौर ने अपने बेटे की जिंदगी बचाने के लिए अपना सब कुछ बेच दिया है. अब यह दंपती श्रीगंगानगर में अपने बेटे का इलाज करवा रहे हैं, जिसके कारण सादुलशहर के लालगढ़ जाटान में किराए पर एक छोटा सा घर लिया हुआ है. मां-बाप का इकलौता बेटा अब चरपाई के सहारे पड़ा हुआ है. 2 साल पहले उनके बेटे की दोनों किडनियां खराब हो गई. पिता ने बेटे के इलाज के लिए अपना घर, जमीन, जायदाद सब बेच दी. हर जगह इलाज करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
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बलदेव सिंह और कर्मजीत का कहना है कि मेरा बेटा बचपन से न बोल सकता था और न ही सुन सकता था, लेकिन वह पढ़ाई में काफी अच्छा था. 12वीं की पढ़ाई करने के लिए वह एक वर्कशॉप पर काम करने लगा था, जिससे मेरी मदद हो सके, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था. दो साल पहले अचानक दर्द हुआ. डॉक्टर के पास ले गए. सारे टेस्ट करवाए तो पता चला कि बेटे जेपी सिंह के दोनों गुर्दे खराब हो रहे हैं. हम बेटे को लेकर अमृतसर, जयपुर सहित कई अस्पतालों में लेकर गए, लेकिन कहीं कोई आराम नहीं मिला. बेटे के इलाज के लिए पहले जमीन बेची, फिर घर बेचा दिया. अब हम जेपी को लेकर श्रीगंगानगर आए हैं, हर 4 दिन बाद एक निजी अस्पताल में उसका डायलिसिस होता है. पंजाब से आने में मुश्किल होती थी. उसके लिए हमने लालगढ़ जाटान में किराए पर मकान ले लिया.
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मरीज की मां कहती हैं कि हर डायलिसिस पर करीब 5 हजार रुपए खर्च होते हैं. इलाज में अभी तक करीब 10 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन कोई आराम नहीं मिला. अब तो पैसे की बड़ी समस्या आने लगी है.
जेपी की मां कर्मजीत कौर भगवान से एक ही दुआ करती है कि बस मेरा बेटा ठीक हो जाए. पंजाब से आई इस दंपती की आंखें अब सारा दिन सहायता देने वालो की राह देखती रहती है, जिससे उनका बेटे की जिंदगी बच जाए.