श्रीगंगानगर. जिले में पड़ोसी राज्य पंजाब से गंगनहर में आ रहे दूषित व काले पानी को लेकर अब लोग लामबंद होने लगे हैं. पंजाब से आने वाली गंगनहर और इंदिरागांधी नहर परियोजना में पंजाब की औधोगिक फैक्ट्रियों का लगातार डाला जा रहा केमिकल युक्त गंदा पानी यहां के लोगों का जीवन खतरे में डालने लगा है.
श्रीगंगानगर जिले में दूषित जल को रोकने के लिए लोगों ने सोमवार को धरना प्रदर्शन शुरू कर सरकार को जगाने का बीड़ा उठाया है. ताकि गंगनहर में मौत बनकर आ रहे दूषित पानी से बचा जा सके. काले पानी के खिलाफ उठे विरोध के स्वर एयरकंडीशन कमरों में बैठे अधिकारियों तक पहुंचे, तो अधिकारियों में खलबली मच गई.लोग कैंसर की बीमारी बांटने वाले इस दूषित जल को अब रोक कर ही दम लेने का अभियान शुरू कर चुके हैं.
काले पानी के खिलाफ उठने लगी आवाज सोमवार को जिला मुख्यालय पर बड़ी संख्या में लोग पब्लिक पार्क में एकत्रित हुए. जहां से जुलूस के रूप में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इस मामले में विधायकों से भी आग्रह किया गया है कि वे पंजाब सरकार पर दूषित पानी रोकने के लिए मुख्यमंत्री के माध्यम से दबाव डालें.
पूर्व मंत्री व सांसद निहालचंद मेघवाल केंद्रीय मंत्री यहां के प्रतिनिधिमंडल के साथ मिल चुके हैं. जिन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप कर प्रदूषित जल को रोकने का आश्वासन दिया है. सोमवार को श्रीगंगानगर सहित सभी एसडीएम कार्यालय पर के लोगों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा.
दूषित जल से कितने जिले है प्रभावित
पंजाब से आने वाले प्रदूषित पानी से राजस्थान के 13 जिले प्रभावित होते हैं. श्रीगंगानगर से जैसलमेर जाने वाली इंदिरा गांधी नहर के जरिए लोगों तक केमीकल युक्त व दूषित जल पहुंच रहा है. पब्लिक पार्क में बड़ी संख्या में लोगों ने जनसमूह को संबोधित किया करते हुए दूषित जल के खिलाफ आंदोलन जारी रखने की बात कही है.
प्रदर्शनकारियों ने सभा के बाद प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. वक्ताओं ने कहा कि पंजाब की 383 फैक्ट्रियों का अपसिस्ट सतलुज के जल में मिलाया जा रहा है. लुधियाना व जालंधर के सीवरेज का पानी सतलुज में बुड्ढे नाले के जरिए मिलाया जा रहा है. प्रदर्शन में बड़ी संख्या में संगठनों ने भाग लिया.