श्रीगंगानगर.पूरे देश में सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल श्रीगंगानगर में बिक रहा है. यहां पावर पेट्रोल की कीमत 103 रुपए प्रति लीटर तो सामान्य पेट्रोल 100.07 रुपए पार हो चुका है. सामान्य डीजल के दाम करीब 92.07 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गए हैं. कोरोना से जूझ रही जनता अब पेट्रोल-डीजल के बढ़ते भाव से परेशान नजर आ रही है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत स्थिर रहने के बावजूद तेल कंपनियां लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा रही हैं. बीते दिन शनिवार को फिर पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी हुई है. पेट्रोल पर 40 पैसे और डीजल पर 35 पैसे बढ़ोतरी हुई है. जिला मुख्यालय पर पूरे देश में सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल बिक रहा है. प्रदेश सरकार ने भले ही पेट्रोल और डीजल पर 2 प्रतिशत तक वेट घटाकर लोगों को महंगाई से राहत देने का प्रयास किया, लेकिन पिछले कुछ दिनों में दाम बढ़ने से अब लोगों को बड़ी राहत नहीं मिली है.
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श्रीगंगानगर शहर में पड़ोसी राज्य पंजाब के अपेक्षा पेट्रोल 10 रुपए और डीजल करीब 9 रुपए ज्यादा महंगा बिक रहा है. रेट ज्यादा होने की वजह से बढ़ रही तस्करी रोकने के लिए महाराष्ट्र का पैटर्न अपनाने और सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी भी घटाने की मांग की जा रही है, ताकि श्रीगंगानगर में पंजाब से पेट्रोल-डीजल की तस्करी में कमी हो सके. पंजाब में पेट्रोल और डीजल पर वेट की दर राजस्थान की अपेक्षा कहीं कम है. राज्य सरकार की ओर से पिछले दिनों पेट्रोल-डीजल पर की गई वेट में 2 प्रतिशत कमी महज महंगाई कम करने का दिखावा ही है.
कोरोना काल में राज्य सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर वेट की दर एकदम बढ़ा दी, उस दर को कम किया जाना चाहिए. स्थानीय पेट्रोल पंप बंद होने के कगार पर हैं. महाराष्ट्र में भी पड़ोसी राज्यों में वेट की दरें कम होने की वजह से पेट्रोलियम पदार्थों की तस्करी होती थी. लेकिन सरकार ने इसे रोकने के लिए बॉर्डर जिलों में डीजल-पेट्रोल रेट की दर पड़ोसी राज्यों के बराबर कर दी. रेट समान होने की वजह से तस्करी रुक गई. महाराष्ट्र सरकार का रेवेन्यू बढ़ा है. पेट्रोल-डीजल महंगा होने का एक कारण यह भी है कि राजस्थान में वेट की दरें ज्यादा होने के साथ-साथ जोधपुर डिपो से श्रीगंगानगर की दूरी ज्यादा होने की वजह से ट्रांजिट चार्ज भी ज्यादा लगता है. पेट्रोल-डीजल के परिवहन में लगा ज्यादा ट्रांसिट चार्ज भी उपभोक्ताओं से ही वसूला जाता है.