श्रीगंगानगर. जिले की घड़साना और पदमपुर पंचायत समिति में मनरेगा कार्यों में भ्रष्टाचार करने की शिकायत मिली. जिसके बाद जिला परिषद सीईओ सौरव स्वामी ने मनरेगा में तैनात तीन जीटीओ को हटाने की अंतिम तैयारी कर ली है.
भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे मनरेगा के 3 जीटीओ के खिलाफ कार्रवाई शुरू घड़साना पंचायत समिति में तैनात जीटीए आत्मा सिंह, गुरजंट सिंह और पदमपुर पंचायत समिति में तैनात जीटीए विजय कुमार करड़वाल के विरुद्ध सरकार की जनकल्याणकारी विभिन्न योजनाओं में अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत मिल रही थी.
जिसके बाद सीओ स्वामी ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर इन्हें हटाने के लिए मार्गदर्शन मांगा है.आपको बता दे कि लगातार मिल रही शिकायत के बाद सीओ स्वामी की ओर से करवाई गई जांच में भी शिकायत प्रमाणित पाई गई. ऐसे में अब जिला प्रशासन की ओर से इन तीनों का अनुबंध समाप्त कर कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.
दूसरी तरफ पंचायत राज विभाग में सरकार की विभिन्न योजनाओं की क्रियानीवंती में अनियमितता और भ्रष्टाचार करने वाले कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई के चलते हड़कंप मचा हुआ है. सीईओ ने बताया कि विभाग के जिन कर्मियों की शिकायत मिल रही है. उनकी जांच करवाई जा रही है और जांच में दोषी मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है.
वहीं जिले की ग्राम पंचायतों के विकास अधिकारियों की ओर से रिकॉर्ड नहीं देने पर सीईओ ने पुलिस कार्रवाई की तैयारी कर दी है. दो पंचायत समितियों के तीन कार्मिक जिसमें महेंद्र शर्मा पंचायत प्रसार अधिकारी, तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी ,ग्राम पंचायत 7 केएनडी पंचायत समिति घड़साना,बलबीर सिंह पंचायत प्रसार अधिकारी तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी पंचायत समिति 6डीडी और 19 जीडी पंचायत समिति घड़साना और भूपेंद्र सिंह ग्राम विकास अधिकारी तत्कालीन ग्राम पंचायत समिति से संबंधित ग्राम पंचायत का मूल रिकॉर्ड नहीं देने पर सीईओ ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.
जिले की पंचायत समिति घड़साना, अनूपगढ़ में कुछ तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारियों की ओर से आज तक ग्राम पंचायतों का चार्ज संबंधित वर्तमान ग्राम विकास अधिकारियों को नहीं सौंपा है. जिससे रिकॉर्ड अपूर्ण होने के से संबंधित ग्राम पंचायत के विकास कार्यों एवं योजनाओं में लाभार्थियों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं.
जिसके चलते संबंधित ग्राम पंचायत के लोगों में काफी रोष है कि उनका कार्य समय पर संपादित नहीं हो रहा है. ऐसे में विभाग की ओर से अपने स्तर पर कार्रवाई करते हुए संबंधित ग्राम विकास अधिकारियों के विरुद्ध राजस्थान असैनिक नियमों के अंतर्गत कार्रवाई जारी है. वहीं संबंधित पंचायत समितियों के तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारियों के विरुद्ध पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई जा चुकी है.