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किसानों ने सांसद निहालचंद के निवास का किया घेराव...जानें पूरा मामला

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Published : Oct 18, 2020, 2:40 PM IST

कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने रविवार को सांसद निहालचंद मेघवाल के आवास पर पहुंच कर घेराव किया. किसानों का कहना था कि सांसद उन्हें समझाएं कि किस तरह से कृषि कानून किसानों के हित में हैं. वहीं, सांसद मेघवाल ने प्रदर्शनकारियों को किसान न होकर राजनीति से प्रेरित बताया.

Nihalchand Meghwal Latest News, armer Protest in Sriganganagar
किसानों ने किया सांसद निहालचंद मेघवाल के निवास का घेराव

श्रीगंगानगर. हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधारों से संबंधित तीन कृषि कानूनों के विरोध में विभिन्न किसान संगठनों ने श्रीगंगानगर सांसद निहालचंद मेघवाल के रायसिंहनगर आवास का घेराव किया. सांसद निहालचंद से कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों के सदस्य जवाब तलब करने उनके घर पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने किसान संगठनों को सांसद निहालचंद के आवास तक नहीं पहुंचने दिया.

किसानों ने किया सांसद निहालचंद मेघवाल के निवास का घेराव

जिस पर किसान नेताओं ने भाजपा सांसद निहालचंद मेघवाल को काले झंडे दिखाकर किसी भी गांव में नहीं घुसने देने की चेतावनी दी है. सांसद निहालचंद का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानून स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर हैं और इन तीन कृषि कानूनों की मदद से 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करने में बड़ी मदद मिलेगी.

सांसद ने घेराव करने पहुंचे लोगों को किसान ना होकर राजनीतिक स्वार्थ पूरा करने के लिए घेराव करना बताया. उन्होंने कहा कि यह सभी अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए किसानों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. सांसद निहालचंद मेघवाल ने कहा कि तीन कृषि कानूनों से आने वाले समय में किसानों की आय दोगुनी होगी. किसान को अब अपना माल बेचने के लिए किसी प्रकार की बंदिश नहीं है. कृषि कानून लागू होने से किसान की फसल का भाव काफी अच्छा मिलेगा, जिससे किसान की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.

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वहीं सांसद के घर का घेराव कर रहे माकपा नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून किसान विरोधी हैं, यह तीनों कानून काले कानून हैं. उन्होंने कहा कि जो सांसद लगातार इस बात का प्रचार कर रहे हैं और यह कह रहे हैं कि तीनों कृषि कानून किसानों के पक्ष में हैं. ऐसे में हम इनसे सवाल करने आए हैं कि अगर कानून से किसान का फायदा है, तो किसान विरोध क्यों कर रहे हैं. सरकार उनको संतुष्ट करें.

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