श्रीगंगानगर. रेगुलेशन बैठक में आए किसानों ने आरोप लगाया कि कुछ प्रभावशाली किसान नेताओं के दबाव में सिंचाई अधिकारी लगातार पानी छोड़ रहे हैं. जबकि कुछ नहरें ऐसी हैं जिनमें लगातार दो माह तक पानी की बारीया नहीं मिलने से नहरें खाली जा रही हैं. किसानों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों की मिलीभगत से लगातार दो तीन माह से नहरें सुखी रहने से किसानों की फसल जलने लगी है.
रेगुलेशन बैठक में किसान नेताओं ने कहा कि पिछली बैठक में हुए निर्णय को अधिकारियों ने बंद कमरे में उल्टा दिया और मात्र दो दिन बाद ही एफ नहर में राजनीतिक दबाव के कारण पानी छोड़ दिया. इस नहर को पानी पूरा करने के लिए जो वितरिकाए बैलेंस में चल रही थी उन्हें बंद करना पड़ा. इसी प्रकार के आरोप लेकर बुधवार को इरीगेशन रेस्ट हाउस में हुई रेगुलेशन कमेटी की बैठक में किसान नेताओं ने हंगामा किया. किसानों ने सवाल उठाया कि पिछले बुधवार को हुए फैसले किसके इशारे पर बदले गए. इस पर जानकारी मिली कि एफ नहर में सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता के कहने पर पानी छोड़ा गया था. इस पर किसानों ने हंगामा करते हुए कहा कि मुख्य अभियंता रेगुलेशन कमेटी के सदस्य ही नहीं हैं, वे केवल अपील अधिकारी हैं. ऐसे में वे ऐसा कैसे कर सकते हैं.