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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी करोड़ों की लागत से बनी मंडी में टीन शेड, बारिश के दिनों में सुरक्षित नहीं अन्नदाता की उपज

दिन-रात मेहनत करने के बाद कहीं जाकर किसान लोगों का पेट भरते हैं. लेकिन भ्रष्टाचार की जड़ ने हमारे देश को पूरी तरह से खोखला कर दिया. श्रीगंगानगर में अनाज को रखने के लिए बनाए गया टीन शेड भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए. जिससे अन्नदाताओं की सालों की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

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शेड में भी भागे गेंहू

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Published : Jun 15, 2020, 8:45 PM IST

श्रीगंगानगर.अन्नदाता तपती धूप में पसीना बहाकर जी तोड़ मेहनत से फसलों का उत्पादन करते हैं. लेकिन जब प्रशासन की लापरवाही की वजह से ये फसलें पल भर में मिट्टी में मिल जाएं तो इसे सरकारी तंत्र की नाकामी ही कहेंगे. बारिश के दौरान मंडी में रखी किसानों की उपज को बचाने के लिए शेड का निर्माण किया गया था. लेकिन बारिश के दिनों में इन शेड में भी किसानों का अन्न अब सुरक्षित नहीं है.

सुरक्षित नहीं अन्नदाता की उपज

श्रीगंगानगर जिले की सबसे बड़ी धानमंडी में करोड़ों की लागत से बने ये टीन शेड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए. यही कारण है कि किसानों की उपज खराब होने से बचाने के लिए जिन शेड का निर्माण किया गया था, बारिश के दौरान उनके नीचे ही अब फसल सुरक्षित नहीं है.

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मंडी में फसल बेचने के लिए आने वाले किसानों को शेड के नीचे फसल रखने का कोई फायदा नहीं है. घटिया निर्माण के चलते अब इन शेड से पानी टपकता है. इन शेड को करोड़ों रुपए का बजट खर्च करके बनाया गया है. हर बार बारिश के दौरान शेडों के नीचे रखी करोड़ों की फसल पानी में भीगने से खराब हो जाती है. किसान अपनी बेबसी और लाचारी के चलते अपनी आंखों से खुद की फसल पानी में बहते हुए देखता रहता है. लेकिन चाह कर भी कुछ नहीं कर पाता है.

बरसात के दिनों में शेड से टपकता है पानी

जिले की सबसे बड़ी धान मंडी का यह हाल है तो बाकी जगह की स्थिति कितनी बदतर होगी. इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है. सरकार ने मंडी समिति को बजट देकर मंडी में यह शेड इसलिए बनाए थे, ताकि बारिश के दौरान किसानों की फसल खराब नहीं हो. फसल को खराब होने से बचाया जा सके, लेकिन हालात बदतर है. बारिश के दौरान खुले में रखी फसल तो भीगने से खराब होती है. लेकिन जब करोड़ों की लागत से बनाए गए टीन शेड के नीचे रखी किसान की फसल पानी में तैर जाए तो सिस्टम को कोसना लाजमी है.

फसलों को सुरक्षित रखने के लिए लगाई गई थी शेड

धान मंडी मजदूर संघ के पदाधिकारी बताते हैं कि 2014-15 में इन शेड का निर्माण हुआ था. जिनमें ढाल नहीं होने और नाले अवरुद्ध होने से बारिश के दिनों में पानी शेड के नीचे रखी फसल में सीधा गिरता है. जिससे किसानों की फसल खराब होती है. उन्होंने बताया कि मंडी समिति को कई बार अवगत करवाया गया है. लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है.

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मजदूर संघ के सलाहकार मंगल चंद बताते हैं कि किसान सोचता है कि शेड के नीचे फसल होगी, तो बारिश के दिनों में सुरक्षित रहेगी. लेकिन शेड के नीचे रखी फसल खुले आसमान से भी बदतर हाल में हो जाती है.

बारिश की वजह से खराब हुई अन्नदाता की उपज

मंडी व्यापारी राजेंद्र प्रसाद कहते हैं कि बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा नुकसान शेड के नीचे रखी फसलों में होता है. शेड का निर्माण सही नहीं होने और साफ-सफाई नहीं होने से इसके नीचे रखी फसल खराब हो जाती है. मजदूर यूनियन के सदस्य प्रदीप कुमार कहते हैं कि जिला प्रशासन, सरकार और मंडी समिति की नाकामी के चलते किसानों की फसल बर्बाद हो रही है.

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