राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

श्रीगंगानगर: किसानों के समर्थन में 4 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे कांग्रेस कार्यकर्ता

श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने पर 4 दिसंबर को किसानों के समर्थन में दिल्ली कूच करेंगे. साथ ही गुरुवार को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के देशव्यापी चक्काजाम में शामिल होंगे.

Protest against agricultural laws, Sriganganagar Congress news
किसानों के समर्थन में 4 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे कांग्रेस कार्यकर्ता

By

Published : Dec 3, 2020, 3:11 AM IST

सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया और किसानों की मांगे नहीं मानी तो सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान 4 दिसंबर को किसानों के समर्थन में दिल्ली कूच करेंगे. वहीं, गुरुवार को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के देशव्यापी चक्का जाम में शामिल होंगे. यह जानकारी कांग्रेस के युवा नेता हनुमान मील ने बुधावार शाम व्यापार मंडल कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी.

इस दौरान पालिकाध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा, जिला व्यापार संघ के संगठन मंत्री अनिल रांका, व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल डेलू, पंचायत समिति के पूर्व उप प्रधान रामकुमार भांभू, पूर्व सरपंच मुखराम खिलेरी व राजियासर ब्लॉक कांगेस अध्यक्ष बनवारीलाल थोरी मौजूद थे. युवा नेता हनुमान मील ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को किसान, मजदूर व व्यापारी विरोधी बताया.

उन्होंने केंद्र सरकार पर हठधर्मिता का आरोप लगाते हुए कहा कि जून से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, एमपी, गुजरात व राजस्थान के किसान कानूनों के विरोध में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, एक सप्ताह से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं, पर केंद्र सरकार किसानों की मांगे मानने को तैयार नहीं. किसानों के आंदोलन को बलपूर्वक कुचलने का प्रयास कर रही है, इससे किसान गुस्से में हैं. किसान केंद्र सरकार के काले कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

पढ़ें-मदरसा पैरा टीचर्स मांग के अलावा सभी मांगों पर बनी सहमति

मील ने कहा कि केंद्र सरकार ने थोपे गए कृषि बिलों को वापस नहीं लिया तो किसान, मजदूर व व्यापारी वर्ग का कारोबार खत्म हो जाएगा. केंद्र सरकार किसानों की हितेषी है तो एमएसटी को लेकर कानून बनाए, ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके. कृषि कानूनों से देश में बड़ी कंपनियों का राज होगा, जो खुद खाद, बीज व दवा देगी व मनमर्जी से फसलों का दाम लगाएगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details