माउंट आबू (सिरोही). प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से विभिन्न आयोजन कराए जाते हैं. इसी कड़ी में प्रदेश के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में शरद महोत्सव का आयोजन किया जाता है. यह आयोजन तीन दिवसीय होता है, लेकिन इस बार पर्यटन विभाग और इवेंट कंपनी की लापरवाही के चलते शरद महोत्सव औपचारिकता बनकर रह गया है.
सांस्कृतिक संध्या में नहीं पहुंचे पर्यटक रविवार शाम को हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गिने-चुने लोग ही पहुंचे और ज्यादातर कुर्सियां खाली ही पड़ी रहीं. जबकि रविवार की छुट्टियां होने के चलते पर्यटकों की माउंट आबू में अच्छी आवक हुई .
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माउंट आबू में शरद महोत्सव के नाम पर पर्यटन विभाग की ओर से लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं. लेकिन इवेंट कंपनी की लापरवाही के चलते सरकार के पैसों का दुरुपयोग होता दिखाई दे रहा है. लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी इवेंट कंपनी ने पर्यटकों को लुभाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया.
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रविवार को शोभायात्रा में कलाकार और पर्यटन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. शाम को हुई सांस्कृतिक संध्या में भी आलम यह था, कि आगे की कुर्सियों की दो लाइन पर ही लोग बैठे हुए थे. उनमें भी ज्यादातर लोग स्थानीय जनप्रतिनिधि और स्थानीय निवासी थे. शरद महोत्सव को मात्र औपचारिकता के रूप में इस बार मनाया जा रहा है. महोत्सव के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी पर्यटक इस महोत्सव का लुत्फ नहीं उठा पा रहे हैं, जिससे पर्यटन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं.