सिरोही. एक ऐसा प्राचीन मंदिर जो कि हजारों साल पूर्व खुदाई में बाहर निकला था, और आज इस मंदिर से देश भर के भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है. यह मंदिर एक पानी की बावड़ी पर बना हुआ है. सिरोही जिले के आबूरोड में अतिप्राचीन नगरी चंद्रावती नगरी जहां 11 वीं और 12 शताब्दी के अवशेष आज भी मिलते हैं, उन्हीं अवशेष में एक है प्राचीन चंद्रावती नगरी का अमरनाथ महादेव मंदिर.
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सिरोही जिले के आबूरोड में हजारों वर्ष प्राचीन अमरनाथ महादेव का मंदिर है. बताया जाता है की यह सम्पूर्ण मंदिर 2 हजार साल पहले खुदाई के दौरान बाहर निकला था, लेकिन तब संरक्षण के अभाव में मंदिर का विकास नहीं हो सका और मंदिर फिर से विलुप्त हो गया. उसके बाद करीब 40 से 50 साल पहले महंत मंगलदास के सपने में एक मंदिर आया जो मिट्टी में दबा हुआ था. जिसपर महंत मंगलदास नें स्थानीय लोगों की मदद से मिट्टी को खुदवाया तो मिट्टी के टीले के निचे दबा एक सुरक्षित मंदिर बाहर निकला. यह मंदिर पानी की बावड़ी पर बना हुआ है.
देश भर से भक्त यहां दर्शन करने के लिए पंहुचते हैं. आबूरोड के समीप घनघोर जंगलों में यह मंदिर है. कहा जाता है कि हजारों वर्ष पूर्व यहां चंद्रावती नगरी थी, जो राजस्थान गुजरात में व्यापार का मुख्य केन्द्र था और मंदिर भी उसी चंद्रावती नगरी का एक हिस्सा है. इस मंदिर में कई अन्य भी हजारों साल प्राचीन मूर्तिया हैं और इस मंदिर में चंद्रावती नगरी के कई अवशेष अभी भी मौजूद हैं. आज देश भर से बडी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पंहचते हैं.
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मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है. यहां सावन व महाशिवरात्रि के मौक पर मेला का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुचते हैं. इस अमरनाथ महादेव मंदिर में एक नाग-नागिन का जोड़ा भी रहता है. प्रत्यक्षदर्शियों ने इस अमरनाथ महादेव मंदिर में नाग-नागिन के जोड़े के दर्शन भी किए है. श्रद्धालुओं का कहना है कि भोलेनाथ से सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूर्ण होती है.