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सीकर: बिजली की बढ़ी दरों के विरोध में गरजे भाजपाई...आंदोलन की चेतावनी

कोरोना काल में लोगों की सेहत के साथ नौकरी तक चली गई है. ऐसे में सरकार की ओर से बिजली की दरों में बढ़ोतरी करने के खिलाफ भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है. भाजपा ने बढ़ी दरें वापस लेने और 4 माह के बिजली बिल माफ करने को लेकर सोमवार को प्रदर्शन किया.

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Published : Aug 31, 2020, 5:39 PM IST

BJP members thunder in protest against increased electricity rates
बिजली की बढ़ी दरों के विरोध में गरजे भाजपाई

सीकर. कोरोना संक्रमण के कारण किए गए लॉकडाउन की वजह से 4 महीने के बिजली के बिल को माफ करने और हाल ही में बढ़ाई गई बिजली दरों को वापस लेने की मांग को लेकर जिले में सहायक अभियंता कार्यालय के बाहर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदर्शन किया. पार्टी ने सरकार से मांग की है कि बिजली की बढ़ी हुई दरों को वापस लिया जाए.

बिजली की बढ़ी दरों के विरोध में गरजे भाजपाई

भाजपा की जिला अध्यक्ष इंदिरा चौधरी ने कहा कि कोरोना वायरस के दौरान 4 महीने लॉकडाउन रहा और लोगों के रोजगार छिन गए. उस वक्त प्रदेश की सरकार ने बिजली के बिल को स्थगित कर दिए थे, लेकिन अब भारी भरकम बिल थमा दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार ने लोगों पर अचानक बड़ा बोझ डाल दिया है.

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इस समय सरकार को लोगों पर भार कम करना चाहिए तो लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिले में 60 स्थानों पर धरना-प्रदर्शन किया है. सरकार से मांग की जा रही है कि बिजली की बढ़ी दरें वापस लें अन्यथा उग्र आंदोलन होगा.

फतेहपुर में भाजपाइयों ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन

फतेहपुर में भाजपाइयों ने दो गुटों में प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन...

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशव्यापी आह्वान पर सोमवार को भाजपाइयों ने बिजली कार्यालयों पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौपें. इस दौरान भाजपाई दो गुटों में बंटे नजर आए. प्रदेश में बढ़ी बिजली दरों के खिलाफ भाजपा का हल्ला बोल जारी है. इसके तहत सोमवार को सहायक अभियंता कार्यालय ग्रामीण पर भाजपा नेता सुनीता कड़वासरा और पूर्व जिला महामंत्री पंकज शर्मा के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया. इसके बाद कनिष्ठ अभियंता को पांच सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया.

इसके बाद भाजपा शहर अध्यक्ष रामावतार रूंथला ने बतायी कि ज्ञापन में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने बिजली की दरों में 5 साल तक कोई बढ़ोतरी नहीं करने का वादा किया गया था और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धौलपुर के सैपऊ में लोकसभा चुनाव में सभा में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कहा गया था कि 5 साल तक बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी, फिर भी राज्य सरकार एवं विद्युत विभाग ने सभी श्रेणियों की बिजली दरों में वृद्धि कर दी.

ज्ञापन में कोरोना के काल खंड में घरेलू उपभोक्ताओं के 4 माह के बिजली के बिल माफ करने, विद्युत दरों में अप्रत्याशित वृद्धि वापस लेने और अघोषित रूप से शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में विद्युत कटौती बंद करने के साथ बंद पड़े उद्योगों पर फिक्स चार्ज यूनिट रुपये 2.97 पैसे जो वसूले गए हैं उसे समायोजित करने की मांग की गई. इस दौरान भाजपा नेता सुनीता कड़वासरा, रामप्रसाद सुण्डा, गौरूराम जेठू, बाबूलाल जाखड़, सुरेश डारा, विजेन्द्र कड़वासरा सहित कई लोग मौजूद रहे.

सीकर जिले के खंडेला में ज्ञापन सौंपते भाजपाई

बिजली की बढ़ीं दरें वापस लेने की मांग को लेकर किया प्रदर्शन...

सीकर जिले के खंडेला में प्रदेश भाजपा के आह्वान पर बिजली की बढ़ी दरों के विरोध में बिजली विभाग के कार्यालय के बाहर गहलोत सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया गया. कनिष्ठ अभियंता प्रितम राय को ज्ञापन भी सौंपा गया. ज्ञापन में बताया गया कि राज्य सरकार ने घोषणा पत्र में बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने की बात कही थी. लेकिन 20 महीनों के अंदर ही अलग-अलग समय पर 70 पैसे प्रति यूनिट तक वृद्धि कर दी. इससे घरेलू उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार पड़ा है. कोरोना महामारी के समय 4 माह के बिजली के बिल को माफ करने की मांग भी की गई.

फ्यूज चार्ज भाजपा सरकार के समय 30 पैसे प्रति यूनिट था जिसे बढ़ाकर 58 फीसदी पैसे कर दिया गया है. स्थाई शुल्क के नाम पर उपभोक्ताओं से 2000 से 5000 तक रुपए वसूल किए जा रहे हैं. अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान सरकार ने गलत तरीके से बिजली की दरों को बढ़ाया है जो कि गलत है. इसके विरोध में राज्य सरकार के विरुद्ध धरना देकर ज्ञापन दिया गया है.

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