सीकर. नगर परिषद की ओर से शहर में 1 अप्रैल से प्रदेश में पहली बार शुरू होने जा रही 'घर-घर कचरा संग्रहण' की हाईटेक व्यवस्था शुरू होने जा रही है. परिषद की ओर से शहर के घरों में आज यानि 18 मार्च से स्मार्ट कार्ड बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है.
राजस्थान के इस शहर में पहली बार शुरू होने जा रही 'डोर डोर टू कचरा संग्रहण' की High-tech व्यवस्था
नगर परिषद की ओर से शहर में 1 अप्रैल से प्रदेश में पहली बार शुरू होने जा रही 'घर-घर कचरा संग्रहण' की हाईटेक व्यवस्था शुरू होने जा रही है. परिषद की ओर से शहर के घरों में आज यानि 18 मार्च से स्मार्ट कार्ड बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है.
अब कार्ड स्वाइप करते ही कचरा उठ जाएगा. इसके लिए नगर परिषद ने निजी कंपनी को ठेका दिया है. शहर की सफाई व्यवस्था की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. इस समय शहर में घर-घर कचरा संग्रहण की व्यवस्था पर करीब 3.3 करोड़ रुपये खर्च हो रहा है. फिलहाल शहर में कचरा संग्रहण के लिए 55 ऑटो टीपर, दो काम्पेक्टर, 3 लिफ्टर और 100 से अधिक कर्मचारी भी लगे हुए हैं.
कचरा नहीं उठाया तो लगेगा जुर्माना
बता दें कि नई व्यवस्था में यदि संबंधित कंपनी के कर्मचारी किसी भी घर से 2 दिन तक कचरा नहीं उठाते हैं तो नगर परिषद की ओर से 100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही कार्ड स्वाइप करने पर संबंधित घर का रिकॉर्ड कंट्रोल रूम में स्थित सर्वर पर दर्ज हो जाएगा. इसके अलावा सीकर मॉडल एप्प डाउनलोड करने पर मकान मालिक को भी इसकी जानकारी मिलेगी.
स्मार्ट कार्ड से 25 लाख की वसूली का लक्ष्य
कचरा संग्रहण की नई व्यवस्था के तहत परिषद का हर माह 25 लाख यूजर चार्ज वसूलने का लक्ष्य रखा गया है. यह कार्य संबंधित कंपनी के कर्मचारियों की ओर से किया जाएगा. आयोग सरवन कुमार विश्नोई ने बताया कि शहर का सर्वे शुरू कर दिया गया है. शहर के लोगों के लिए स्मार्ट कार्ड की दर 100 रुपये रखी गई है.
नगर परिषद के घर-घर कचरा संग्रहण की नई व्यवस्था शहर की प्रमुख सड़क और रास्तों पर चल रही सफाई पर कोई असर नहीं होगा. इस नई व्यवस्था में घरों से कचरा संग्रहण किया जाएगा. घर के बाहर पड़ा कचरा भी नहीं उठाया जाएगा. घर के बाहर कचरा होने पर नगर परिषद के कर्मचारी ही उठाएंगे. घर के बाहर कचरा डालने पर दो बार मकान मालिक को कचरा नहीं डालने की हिदायत दी जाएगी. इसके बाद जुर्माना लगाया जाएगा.