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चाय की थड़ी लगाने वाले मजदूरों की गुहार...कहा- मोदी जी आप भी चाय बेचते थे...जरा इधर भी देख लो

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Published : May 17, 2020, 7:13 PM IST

जिस देश के प्रधानमंत्री अपने आपको चाय वाला बताकर लोगों के दिलों पर राज कर रहे हों और आज अगर उसी चाय की जमात के लोगों पर लॉकडाउन के कारण मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा हो तो ये शायद मुनासिब नहीं होगा. जी हां, हम बात करने जा रहे हैं राजसमंद में चाय बेचकर जीवन यापन करने वालों की.

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चाय बेचने वालों पर लॉकडाउन का असर

राजसमंद.वैसे तो वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लगभग सभी क्षेत्रों में समस्याएं अपार दिख रही हैं. लेकिन चाय की टपरी लगाने वालों के घरों की आर्थिक स्थिति डगमगाने लगी है. लॉकडाउन को 55 दिन से अधिक हो गए, जिस कारण से लोगों को अनेकानेक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है.

चाय बेचने वालों पर लॉकडाउन का असर

बता दें कि जो चाय वाला सुबह से लेकर शाम तक दूसरों को चाय पिलाकर उनके सिर का दर्द मिटाने और थकान दूर करने का काम सालों से करता आ रहा हो. ऐसे में अगर आज कोरोना कॉल में वही चाय की टपरी न चल पाने के कारण उसके सिर का दर्द बन चुकी हो तो यह मुनासिब नहीं होगा.

जब हालात जानने पहुंची टीम...

ईटीवी भारत की टीम भी चाय वालों की हालात को जानने राजसमंद शहर में निकली. जहां टीम की मुलाकात सबसे पहले जमनालाल से हुई, उन्होंने बताया कि वे कांकरोली बस स्टैंड पर चाय की दुकान लगाते थे. लेकिन पिछले 2 महीने से दुकान बंद होने के कारण परिवार का गुजारा चलाना भारी पड़ने लगा है. इसे लेकर वे अब फल सब्जी की लारी लगाना शुरू कर दिया. उन्होंने सरकार से मांग किया कि अब चाय के धंधे पर भी पाबंदी हटाई जाए, जिससे कि वे फिर से अपने चाय धंधे की ओर लौट सकें.

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इसके बाद जब टीम आगे बढ़ी तो किशन नामक युवक से मुलाकात हुई. उन्होंने बताया कि उनका एकमात्र धंधा चाय का ठेला था. लेकिन पिछले 2 महीने से बंद होने के कारण परिवार का पालन-पोषण करने में समस्याएं आने लगी हैं. उन्होंने बताया कि चाय का ठेला बंद होने से अब परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी है. प्रशासन हमारे व्यवसाय को फिर शुरू करे, जिससे हमें राहत मिल सके. वहीं केंद्र और राज्य सरकार को भी आगे आकर हम लोगों को आर्थिक सहायता देनी चाहिए.

चाय विक्रेताओं पर रोजी-रोटी का संकट

इनसे बातचीत के बाद जैसे हमारी टीम आगे बढ़ी तो हमारी मुलाकात रतनलाल से हुई उन्होंने बताया कि चाय का ठेला बंद होने के बाद उनके सामने बहुत सारी समस्याएं एक साथ टूट पड़ी हैं. परिवार का गुजारा चलाना उनके लिए समस्या भरा हो गया है. कई अन्य चाय वालों ने बताया कि सुबह से शाम तक चाय के ठेले पर खड़े होकर लोगों को चाय पिलाकर उनका सिर दर्द दूर करते थे और थकान मिटाते थे. लेकिन लॉकडाउन ने हमें ऐसी थकान दी कि इसे दूर कर पाना हमारे लिए समस्या भरा हो गया है.

चाय बेचने वालों ने मांगी टपरी लगाने की अनुमति

गौरतलब है कि जिले भर में चौराहों, मुख्य मार्गों पर चाय की टपरी लगाकर अपने घर चलाने का काम करने वाले इन लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. चाय के दुकानदारों ने प्रशासन से गुहार भी लगाई की हुजूर परिवार को चलाने के लिए आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है. ऐसे में टपरी खोलने की अनुमति मिलनी चाहिए. अब देखना होगा कि प्रशासन इन लोगों की समस्याओं को देखते हुए क्या कुछ कदम उठाता है.

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