प्रतापगढ़. पिछले डेढ़ महीने से जहां लॉकडाउन लगा हुआ है. इस दौरान बाजार बंद है और दूसरी ओर किसानों के पास खाद-बीज की सुविधा भी नहीं है. मानसून भी एक पखवाड़े बाद आने को है. जिससे किसानों को चिंता सता रही है कि खाद-बीज समय पर उपलब्ध नहीं हो पाएंगे. जिससे बुवाई पर संकट खड़ा हो जाएगा.
किसानों ने बाजार में कृषि खाद्यान्नों की दुकानें समय पर खुलवाने की गुहार सरकार से लगाई है. इस समय लॉकडाउन के कारण बाजार बंद है और आवाजाही पर रोक है. हालात यह है कि किसानों को आगामी एक पखवाड़े बाद आने वाले मानसून में खरीफ में बुवाई की चिंता सता रही है. गत वर्ष सोयाबीन की फसल खराब हो गई थी. ऐसे में कई किसानों के पास बीज भी नहीं है. इसे देखते हुए अब किसान चिंतित हैं.
दोगुना हुए सोयाबीन के भाव
एक तरफ वर्ष सोयाबीन के उत्पादन में कमी होने के कारण किसानों के पास बीज की कमी है. इस बार सोयाबीन के भाव दोगुना हो गए हैं. ऐसे में किसानों को खरीफ की सीजन में बुवाई के लिए बीज नहीं मिल पा रहा है. गौरतलब है कि सोयाबीन की थ्रेसरिंग के बाद उत्पादन हुआ था. समर्थन मूल्य 3800 रुपए प्रति क्विंटल हो गया था. तब बाजार में भाव चार हजार रुपए प्रति क्विंटल तक थे. पहले ही उत्पादन कम हुआ था.
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उस दौरान किसानों ने बाजार में ही सोयाबीन बेच दी थी. इसके बाद गत तीन माह से भावों में एकाएक उछाल आया है. अभी भाव 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक हो गए हैं. किसानों के पास बीज की कमी है. लॉकडउान के कारण पहले ही किसानों के पास रुपए नहीं है. जिसके कारण अब किसान बीज के लिए भटक रहे हैं.
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