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'कपड़ा उद्योग करे पुकार, हमें बचाओ सरकार', NGT के नियमों को मनवाने के लिए आयुक्त ने ली बैठक - Textile industry crisis

पाली के कपड़ा उद्योग को लेकर NGT लगातार सख्ती से पेश आ रहा है, जिसके चलते कपड़ा उद्योग अब लगभग बंद होने के कगार पर है. वहीं, NGT ने इस बार अपने सख्त निर्देशों की पालना करवाने के लिए जोधपुर संभाग के आयुक्त बीएल कोठारी को निर्देशित किया है.

कपड़ा उद्योग पर NGT सख्त, NGT strict on textile industry
आयुक्त बीएल कोठारी ने ली बैठक

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Published : Jan 20, 2020, 3:11 PM IST

पाली.जिले की जीवन रेखा माना जाने वाले कपड़ा उद्योग को एक बार फिर संकट के काले बादलों ने घेर रखा है. एनजीटी की ओर से लगातार की जा रही सख्ती के चलते कपड़ा उद्योग बंद होने की कगार पर है. ऐसे में पाली में 40 हजार से ज्यादा इन कपड़े इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों और उद्यमियों पर भी संकट है.

हालांकि प्रशासन और सरकार की ओर से पाली के कपड़ा उद्योग को जिंदा रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन एनजीटी लगातार कपड़ा उद्योग पर सख्त नजर आ रही है. ऐसे में एनजीटी ने इस बार अपने सख्त निर्देशों की पालना करवाने के लिए जोधपुर संभाग आयुक्त बीएल कोठारी को निर्देशित किया है.

पाली के कपड़ा उद्योग पर संकट के बादल

इस पर सोमवार को संभागायुक्त बीएल कोठारी पाली आए और अधिकारियों की बैठक लेकर एनजीटी की ओर से दिए गए निर्देशों की सख्ती से पालना करवाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया. उन्होंने सीधे तौर पर कहा है कि अगर पाली में कपड़ा उद्योग संचालित करना है तो उन्हें एनजीटी के हर नियमों की पालना करनी होगी. साथ ही पाली में संचालित हो रहे ट्रीटमेंट प्लांट को भी एनजीटी के मानकों पर खरा उतरना होगा. जिसके बाद ही पाली का कपड़ा उद्योग जिंदा रह पाएगा.

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गौरतलब है कि पाली में संचालित हो रही रंगाई छपाई की 600 से ज्यादा कपड़ा इकाइयों से निकलने वाला रंगीन और प्रदूषित पानी बिना ट्रीट किए बांडी नदी में बहाया जा रहा था. यह रंगीन पानी नदी के माध्यम से नेहड़ा बांध में जाकर गिर रहा था. इसके कारण बांडी नदी और नेहड़ा बांध दोनों ही प्रदूषित हो गए थे. इस नदी के रास्ते में आने वाले हजारों किसानों के खेत और कुएं भी रंगीन और प्रदूषित पानी के कारण पूरी तरह से बंजर हो गए थे.

इस पर किसान संघर्ष समिति की ओर से एनजीटी में इन इकाइयों के खिलाफ परिवाद दायर किया गया था. इसके बाद में एनजीटी की ओर से कई अलग-अलग टीमों को भेजकर पाली में कपड़े इकाइयों की जांच करवाई गई थी, जिसमें सीधे तौर पर पाया गया था कि पाली के कपड़ा उद्योग से ही बांडी नदी और नेहड़ा बांध प्रदूषित हुआ. जिसके बाद से ही एनजीटी लगातार सख्त मूड में नजर आ रही है.

NGT ने पाली के कपड़ा उद्योग पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाया था. लेकिन इसके बावजूद प्रदूषण का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में अपने निर्देशों की पालना करवाने के लिए अधिकारियों को पूरी तरह से पाबंद कर दिया है. इस पर सोमवार को जोधपुर संभाग कोठारी ने भी अधिकारियों की बैठक ली और अधिकारियों को एनजीटी के दिए निर्देशों की पालना करवाने के आदेश दिए हैं.

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