राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

मनोहर अपहरण मामला: राजपुरोहित समाज ने दिया 15 दिन का अल्टीमेटम

जिले के बहुचर्चित मनोहर राजपुरोहित अपहरण केस में अब राजपुरोहित समाज ने अपना आक्रोश तेज कर दिया है. बुधवार को सुमेरपुर में राजपुरोहित समाज की ओर से विरोध प्रदर्शन के बाद राजपुरोहित समाज ने अब सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दे दिया है. राजपुरोहित समाज ने चेतावनी दी है कि अगर इन 15 दिनों में राज्य सरकार मनोहर अपहरण मामले की जांच सीबीआई से नहीं करवाती है, तो राजपुरोहित समाज अब विधानसभा का घेराव करेगा.

Manohar kidnapping case,  rajpurohit society protest
मनोहर अपहरण मामला

By

Published : Mar 18, 2021, 9:52 AM IST

पाली.जिले के बहुचर्चित मनोहर राजपुरोहित अपहरण केस में अब राजपुरोहित समाज ने अपना आक्रोश तेज कर दिया है. बुधवार को सुमेरपुर में राजपुरोहित समाज की ओर से विरोध प्रदर्शन के बाद राजपुरोहित समाज ने अब सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दे दिया है. राजपुरोहित समाज ने चेतावनी दी है कि अगर इन 15 दिनों में राज्य सरकार मनोहर अपहरण मामले की जांच सीबीआई से नहीं करवाती है, तो राजपुरोहित समाज अब विधानसभा का घेराव करेगा.

राजपुरोहित समाज ने दिया 15 दिन का अल्टीमेटम...

इस दौरान राजपुरोहित समाज के लोग सुमेरपुर में इकट्ठा हुए और अपने आक्रोश के रूप में रैली निकालते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. सुमेरपुर में राजपुरोहित समाज की आक्रोश सभा में समाज से जुड़े भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेताओं ने एक स्वर में राज्य सरकार के सामने इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की अनुशंसा करने की मांग की. यहां पर भारत साधु समाज अध्यक्ष महंत निर्मल दास महाराज व ब्रह्माधाम कालीन दंडी स्वामी देवानंद सरस्वती महाराज के सानिध्य में समाज बंधुओं ने एकजुटता का परिचय दिया.

पढ़ें:'राहुल गांधी' के प्यार में लट्टू हुई युवती, खाई देख खुदकुशी का बदला इरादा

इन लोगों ने चेताया कि अगर राज्य सरकार ने शीघ्र ही समाज की मांग के अनुरूप इस मामले की जांच नहीं करवाई तो राजपुरोहित समाज का आक्रोश सरकार को झेलना पड़ेगा. गौरतलब है कि 4 वर्ष पूर्व नेतरा में रहने वाला मनोहर राजपुरोहित अपनी स्कूल की बस से फालना में कोचिंग करने गया था. लेकिन, उसके बाद वह वापस घर नहीं लौटा. परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट फालना थाने में भी लिखाई. पुलिस ने उस समय उसे खोजने का प्रयास किया. लेकिन, अब इस मामले में 4 साल बीतने को है. मनोहर के परिजनों को कई बार फिरौती के लिए पत्र मिले. इधर, मनोहर की मिस्ट्री मामले में पुलिस ने करीब 13 पुलिस अधिकारियों को नियुक्त किया जा चुका, जिन्होंने अलग-अलग एंगल से इस मामले की जांच की. लेकिन, एक भी पुलिसकर्मी मनोहर अपहरण मामले में किसी भी प्रकार का खुलासा नहीं कर पाया. ऐसे में राजपुरोहित समाज ने पिछले 4 साल से अपने पुत्र का इंतजार कर रहे. इस परिवार की मदद करने के लिए बीड़ा उठाया और सीबीआई से इस मामले की पूरी जांच करने की मांग की है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details