पाली. पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े बांध जवाई से सिंचाई के लिए 4000 एमसीएफटी पानी की मांग को लेकर दूसरे दिन दोपहर तक किसानों का महापड़ाव जारी रहा. आखिर दोपहर में दूसरे दौर की वार्ता प्रशासन और किसानों के बीच हुई, जिसमें प्रशासन ने किसानों की मांग को मानते हुए बिना शर्त 4000 एमसीएफटी पानी देने पर सहमति जताई.
गौरतलब है कि बुधवार से किसानों ने पानी को लेकर महाराजा उपज कृषि मंडी में महापड़ाव शुरू किया था. जिसमें दिन भर महापड़ाव में प्रशासन और किसानों के बीच में पहले दौर की वार्ता विफल रही. वार्ता विफल होने पर किसानों ने सुमेरपुर शहर में शक्ति प्रदर्शन करते हुए शहर मुख्य मार्गों से जुलूस निकाला. किसानों ने मंडी परिसर में ही धरने पर बैठे और रात मंडी में बिताई. रात्रि विश्राम के बाद दूसरे दिन सुबह यानी गुरुवार को फिर से किसानों की संख्या महापड़ाव में बढ़ने लगी.
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उसके बाद दोपहर 12:00 बजे अतिरिक्त जिला कलेक्टर विरेंद्र सिंह चौधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बृजेश सोनी, उपखंड अधिकारी देवेंद्र कुमार यादव, जल संसाधन अधिशासी अभियंता चंद्रवीर सिंह उदावत और किसान प्रतिनिधियों के बीच में दूसरे दौर की वार्ता शुरू हुई. करीब आधे घंटे में इस समस्या का समाधान निकालते हुए आखिरकार किसानों को सिंचाई के लिए 4000 एमसीएफटी पानी बिना शर्त देने की सहमती बनी. अतिरिक्त जिला कलेक्टर विरेंद्र सिंह चौधरी ने किसानों के बीच पहुंच कर 4000 एमसीएफटी पानी बिना शर्त देने की घोषणा की. उसके बाद किसान संघर्ष समिति ने महापड़ाव खत्म करने घोषणा की.