कुचामनसिटी. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के तहत लाडनूं विधानसभा सीट पर कांग्रेस, बसपा और माकपा ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, लेकिन भाजपा की ओर से अभी तक उम्मीदवार घोषित न कर पाना चर्चा का विषय बना हुआ है. माना जा रहा है कि इसके पीछे या तो बड़ी रणनीति है या विद्रोह होने का डर. अब तक घोषित विभिन्न दलों के प्रत्याशियों ने अन्य दलों में सेंध लगाना शुरू कर दिया है.
इस सीट पर सबसे पहले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा. इसके बाद कांग्रेस ने मुकेश भाकर को उतार कर पिछली बार की पुनरावृत्ति कर दी. अब बहुजन समाज पार्टी ने भी नियाज मोहम्मद खान को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है. हनुमान बेनीवाल की रालोपा की ओर से भी उम्मीदवार उतारे जाने की उम्मीद है, लेकिन लगता है कि वे भाजपा उम्मीदवार को देखकर ही निर्णय लेंगे. संभव है कि कोई भाजपा से असंतुष्ट होकर उनके खेमे में चला जाए. आम आदमी पार्टी भी यहां से उम्मीदवार उतार सकती है. निर्दलीयों की भी चुनाव लड़ने की संभावना है.
पहले महिला प्रत्याशी की थी अटकलें : इस सीट पर भाजपा की स्थिति सबसे पेचीदा बनी हुई है. यहां से पहले महिला उम्मीदवार को उतारे जाने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन जिले में तीन महिलाओं को पार्टी पहले ही उतार चुकी. इसलिए चौथी महिला को पार्टी नहीं उतारना चाहेगी. यहां से महिला मोर्चा की पूर्व जिलाध्यक्ष व वर्तमान वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष सुमित्रा आर्य, भाजपा की जिला उपाध्यक्ष अंजना शर्मा व मनीषा शर्मा के नाम प्रमुखता से दावेदार लिस्ट में लिए जा रहे थे.
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राजपूत प्रत्याशी की भी संभावना कम : ठीक इसी तरह राजपूत उम्मीदवार उतारे जाने की संभावना भी अब खत्म हो चुकी है, क्योंकि पार्टी ने परबतसर से राजपूत उम्मीदवार को प्रत्याशी बनाया है. लाडनूं से नागौर जिला भाजपा देहात जिलाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह, राजेन्द्र सिंह, जगदीश सिंह, आशुसिंह, कर्नल प्रताप सिंह, करणी सिंह आदि बहुत सारे राजपूत उम्मीदवारों के नाम चलाए जा रहे थे. मूल ओबीसी से भी यहां से सुमित्रा आर्य, मजीत पाल सिंह व नंदकिशोर स्वामी के नाम थे. इसी तरह ब्राह्मण दावेदारों में ओमप्रकाश बागड़ा, जगती प्रसाद पारीक व अंजना शर्मा आदि प्रमुख नाम रहे हैं. जाट दावेदारों में यहां से पूर्व केन्द्रीय मंत्री सीआर चौधरी, परिवहन विभाग के पूर्व आयुक्त डॉ. नानूराम चैवल, किसान मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष देवाराम पटेल, वरिष्ठ भाजपा नेता नाथूराम कालेरा और युवा नेता रवि पटेल के नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं. क्षेत्र में हर किसी की नजरें भाजपा की घोषणा की ओर लगी हुई है.
पिछले चुनाव पर एक नजर : 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 2 लाख 36 हजार 624 मतदाता थे. उस समय कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी को हरा कर शानदार जीत हासिल की थी. कांग्रेस के प्रत्याशी मुकेश कुमार भाकर को 65 हजार 41 वोट मिले थे. भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मनोहर सिंह 52 हजार 94 वोट हासिल कर पाए थे. मनोहर सिंह 12 हजार 947 वोटों से हार गए थे. 2018 में आरएलपी से जगन्नाथ बुरड़क थे, जिन्होंने 20 हजार 63 वोट हासिल किए थे. बसपा से नरेन्द्र सिंह ने 3 हजार 376 मत यानी 2.34 प्रतिशत मत हासिल किए थे. उस चुनाव में कुल 14 उम्मीदवार थे. अब देखना यह होगा कि रालोपा किसे मैदान में उतारती है और आम आदमी पार्टी का रवैया कैसा रहता है.