कोटा के शिक्षाविद की पहल... कोटा. कम उम्र में ही अपनों का साथ छोड़ देने के चलते आश्रय स्थलों में रहने को मजबूर तीन बालिकाएं थीं, जिनके बालिग होने के बाद नारी निकेतन में रहना मजबूरी था. जब नारी निकेतन के आसपास शहनाई या बाजा बजने पर यह बालिकाएं भी सोचती थीं कि उनका भी विवाह होगा या नहीं. यहां तक कि विवाह होगा तो धूमधाम से होगा या नहीं, क्योंकि उनके मां-बाप विवाह करते तो बड़ी धूमधाम से होता. लेकिन अब जैसा वह सोचती थीं वैसा ही होता नजर आ रहा है.
नारी निकेतन में रह रही तीन युवतियों का विवाह करवाने के लिए कोटा के शिक्षाविद व मोशन कोचिंग के निर्देश नितिन विजय आगे आए हैं. उन्होंने अपने पिता सुरेंद्र विजय और मां सुशीला विजय की 50वीं शादी की सालगिरह के अवसर पर यह आयोजन करना अपने हाथ में लिया. अनाथ बेटियों के विवाह में तेल लगन से लेकर महिला संगीत और आशीर्वाद समारोह तक सभी रस्म आयोजित की जा रही हैं. अब ये युवतियां भी सोचने को मजबूर हैं कि वह अगर अपने घर पर ही होती तो भी इतनी धूमधाम से उनका विवाह नहीं हो पता. यहां तक कि कोटा शहर के गणमान्य नागरिक और अधिकारी उनको आशीर्वाद देने और बारात की अगवानी करने के लिए पहुंचेंगे.
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इनका हो रहा है विवाह : नितिन विजय ने बताया कि जिन तीन युवतियों का विवाह हो रहा है, उनमें 35 वर्षीय सुनीता, 25 वर्षीय पूनम और 24 वर्षीय मीनाक्षी हैं. इनमें सुनीता और पूनम मुकबधिर हैं. सुनीता का विवाह कोटा के बजरंगपुरा निवासी नरेंद्र सवाल से हो रहा है. नरेंद्र खेती करते हैं. इसी तरह से पूनम का विवाह कोटा जिले के ही गोदल्याहेड़ी निवासी महावीर मेघवाल से हो रहा है. वहीं, मीनाक्षी का विवाह सवाई माधोपुर निवासी बृजेश कुमार से हो रहा है. दूल्हे खेती, किराना व्यापारी और प्राइवेट जॉब करते हैं. इनमें एक दूल्हा दिव्यांग भी है.
अनाथ तीन बेटियों का विवाह... बालिकाओं की मर्जी से ही होती है शादी : नितिन विजय का कहना है कि पूरे सरकारी प्रक्रिया के जरिए बालिकाओं के लिए वर तलाशा जाता है. इसके लिए पहले आवेदन मांगे जाते हैं. बाद में आवेदकों की पूरी रिपोर्ट और उनके डॉक्यूमेंट की जांच की जाती है. इसमें बालिकाओं को पहले वर पक्ष दिखाया जाता है. इसके बाद बालिका की सहमति होने पर ही विवाह के लिए सहमति ली जाती है. यह एक तरह से बालिकाओं के स्वयंवर जैसा ही है. इसके लिए पूरी प्रक्रिया सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के साथ-साथ नारी निकेतन का स्टाफ करता है, जबकि न्यायिक, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी दूल्हे का चयन करते हैं.
शहर के विशिष्ट जन पहुंचेंगे बारात का स्वागत करने, वर-वधू को देंगे आशीर्वाद : नितिन विजय का कहना है कि इस आयोजन में हिंदू रीति-रिवाज में जितने शादी समारोह में कार्यक्रम होते हैं, उतने ही आयोजित किए जा रहे हैं. इसके अनुसार हल्दी-मेहंदी की रस्म नारी निकेतन में आयोजित की गई. उसके बाद अगले दिन बुधवार को महिला संगीत का आयोजन किया जाएगा. इसके अलावा लग्न, विनायक स्थापना, तेल, मंगल कलश से लेकर हर आयोजन किया जा रहा है. यहां तक कि इन तीनों बालिकाओं की विवाह के दिन 18 जनवरी बिंदोरी भी निकल जाएगी. रानपुर स्थित ध्रुव कैंपस में बारात का आगमन होगा। वर पक्ष की निकासी भी आयोजित की जाएगी. इस बारात का स्वागत कोटा के कई दिग्गज और गणमान्य नागरिक करेंगे, जिसमें संभागीय आयुक्त, आईजी, जिला कलेक्टर व एसपी सहित कई लोग मौजूद रहेंगे. वहीं, आशीर्वाद समारोह व प्राणिग्रहण संस्कार भी आयोजित किया जाएगा.
माता-पिता की शादी की 50वीं सालगिरह को अनूठे तरीके से मनाने के लिए आयोजन : मोशन कोचिंग के निर्देश नितिन विजय ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक ओम प्रकाश तोषनीवाल ने उन्हें इस संबंध में जानकारी दी थी. जिसके बाद वे सहर्ष तैयार हो गए. उन्होंने कहा कि माता-पिता की 50वीं शादी की वर्षगांठ भी है. ऐसे में इस पुनीत कार्य और बेटियों के कन्यादान के लिए वह जरूर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी क्षमता के अनुरूप हमने आयोजन रखा है. यहां तक कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, नारी निकेतन और उनके संस्थान के जरिए कोटा के सैकड़ों लोगों को आमंत्रित किया है.