करौली.जिले के नारौली डांग गांव में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने पर प्रशासन की ओर से जारी किए एपीसेंटर में कर्फ्यू और जीरो मोबिलिटी के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ती हुई नजर आ रही है. अधिकांश स्थानों पर खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. कर्फ्यू क्षेत्र में लोग मटरगश्ती करते हुए नजर आ रहे हैं. यहां तक की लोग तो धारा-144 की भी सही तरीके से पालना नहीं कर रहे हैं. इसके बावजूद प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.
बता दें कि, 27 मई को नारोली डांग की एक 19 साल युवती के जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान कोरोना संक्रमित पाई गई. इस पर जिला कलेक्टर डॉ. मोहन लाल यादव ने कोरोना संक्रमण को लोगों में फैलने से रोकने के लिए 28 मई को आदेश जारी कर नारोली डांग में युवती के घर के 1 किलोमीटर एरिया को एपीसेंटर बना दिया और तीन किलोमीटर एरिया को कंटेंटमेंट जोन घोषित कर दिया. इसके साथ ही इलाके को जीरो मोबिलिटी एरिया घोषित करने के आदेश जारी किये. साथ ही एपीसेंटर में लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने और घर पर ही रसद सामग्री पहुंचाने के लिए होम डिलीवरी की व्यवस्था की गई थी.
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प्रशासन की ओर से कोरोना वायरस संक्रमण से लोगों का जीवन बचाने के लिए यह कदम उठाया गया था. इसके बावजूद कस्बे के जिस इलाके को एपीसेंटर बनाया गया है और कर्फ्यू लगा हुआ है, उस इलाके में लोग बेवजह बेधड़क, बिना मास्क के घूमते, घरों से बाहर, दुकानों के आगे बैठे नजर आ रहे हैं. इलाके के एपीसेंटर जोन और कंटेनमेंट जोन में निषेधाज्ञा और कर्फ्यू की पालना करवाने के लिए मुख्य जगहों पर पुलिस के कई प्वाइंट बने हुए हैं. इन पर पुलिस जाप्ता भी तैनात रहता है. फिर भी लोग कर्फ्यू की पालना नहीं कर रहे हैं. इसके बावजूद प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं है. लोगों का इस तरह से बेवजह एपी सेंटर जोन में घूमना और एपिसेंटर जोन से बाहर निकलकर दूसरे इलाकों तक जाने से कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना बनी हुई है.
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वहीं निषेधाज्ञा के आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियां के मामले में एसडीएम कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि, अधिकारी कार्मिकों सख्त आदेश दिए हुए हैं. एपी सेंटर जोन में लोगों के इस प्रकार खुलेआम घूमने पर पूर्ण पाबंदी है. यदि इस प्रकार के मामले में किसी की लापरवाही है तो उसकी जांच करवाई जाएगी.