करौली. हर वर्ष धूमधाम के साथ मनाया जाने वाला गुरु पूर्णिमा महोत्सव इस बार कोरोना की भेंट चढ़ गया. इस बार शिष्यों ने घरों में रहकर ही अपने-अपने गुरुओं की अराधना कर उनसे आशीर्वाद लिया.
मंदिरों में गुरु पूर्णिमा की रस्म निभाई करौली जिला मुख्यालय सहित हिंडौन, टोडाभीम, सपोटरा, कैलादेवी, मंडरायल और करणपुर सभी जगहों पर लोगों ने अपने घरों पर ही रहकर गुरु पूजन किया. जहां हर साल इस पावन दिन को लोग बड़े घूमधाम से मनाते थे, वहीं इस बार कोरोना महामारी के चलते एक भी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया.
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सपोटरा इलाके में ब्रह्मलीन महंत द्वारका दास महाराज के दंगा अमरगढ़ आश्रम पर जहां हर साल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश से आने वाले भक्तों की विशाल भीड़ उमड़ती थी. वहीं, इस बार आश्रम खाली नजर आया. गुरु पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर कोरोना के चलते लोगों ने घरों पर गुरु की पूजा करते समय मास्क लगाकर सामाजिक दूरी की पालना की. वहीं, मोबाइल के माध्यम से सोशल मीडिया, व्हाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक के जरिए लोग एक दूसरे को गुरु पूर्णिमा की बधाई देते हुए नजर आए.
लोगों ने घरों में ही मनाई गुरु पूर्णिमा गोवर्धन धाम पर पसरा रहा सन्नाटा...
डीग की अंतरराज्यीय सीमा उत्तर प्रदेश के गोवर्धन धाम में गुरु पूर्णिमा पर हर वर्ष लाखों श्रद्धालु गिर्राज जी की परिक्रमा करने के लिए दूरदराज से आते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते एक आदमी भी इस सप्तकोसीय परिक्रमा में दिखाई नहीं दिया. वहीं, यूपी और राजस्थान पुलिस प्रशासन द्वारा परिक्रमा मार्ग को सील किया गया है.
इधर गुरु पूर्णिमा के मौके पर भक्त और श्रद्धालुओं ने वीडियो कॉलिंग के जरिए ऑनलाइन अपने गुरुओं से गुरु दीक्षा, मंत्र और आशीर्वाद लिया. कोविड-19 संक्रमण के प्रभाव के कारण राजस्थान सीमा में आने वाला परिक्रमा मार्ग और मन्दिर सूने पड़े हैं.
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वहीं, पूंछरी के लौठा पर स्थित कंट्रोल रूम भी खाली है. कोरोना संक्रमण का असर परिक्रमा मार्ग में दुकानदारों पर भी पड़ा है. ऐसे में गोवर्धन में स्थित गिर्राज जी के दानघाटी मन्दिर सहित जतीपुरा, राधाकुंड और पूंछरी का लौठा के मन्दिर में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए पूजा-अर्चना कर गुरु पूर्णिमा और मुड़िया पूर्णिमा पर्व की रस्म निभाई गई.