करौली.देश में फैली कोरोना महामारी से उद्योग-धंधे पूरी तरह से चौपट हो गए हैं. कुछ ऐसा ही हाल शादी-विवाह से जुड़े व्यवसाय का भी है, जिनकी स्थिति अनलॉक में भी दयनीय बनी हुई है. इसी का नतीजा है कि इस व्यवसाय से जुड़े लोगों पर भारी आर्थिक संकट छाया हुआ है. ऐसे में ईटीवी भारत ने जब इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का हाल जानने की कोशिश की तो सामने आया कि लॉकडाउन के चलते व्यापारी वर्ग हताश होकर घर में बैठ गया. इस बीच सरकार की ओर से अनलॉक की घोषणा की गई, लेकिन शादियों के सीजन होने के बावजूद यह व्यवसाय अभी भी पूरी तरह से चल नहीं पाया.
सरकार की एडवाइजरी का पालन करते हुए शादियों के लिए लोगों ने मैरिज हॉल की तरफ देखा तक नहीं और घर में शादी के कार्यक्रम आयोजित कर लिए. इतना ही नहीं, सरकारी गाइडलाइन के अनुसार 50 से ज्यादा मेहमानों को नहीं बुलाने की शर्तों को ध्यान में रखते हुए हलवाई तक बुलाना उचित नहीं समझा. और तो और डीजे, बैंडबाजा, आतिशबाजी, डेकोरेशन का काम करने वालों को भी काम नहीं मिल रहा है. इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के काम-धंधे ही पूरी तरह से ठप हो गए हैं, जिससे इन सभी के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है.
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अनलॉक-1 में अपने बेटे की शादी करने वाले एक सज्जन ने बताया गया कि बेटे की शादी में सरकारी गाइडलाइन्स की पालन करते हुए 50 से ज्यादा लोगों को नहीं बुलाया गया. इस शादी में ना तो हलवाई किया गया और ना ही किसी मैरिज हॉल की बुकिंग हुई. इसके साथ ही कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ा. ऐसे में खरीददारी के दौरान कई दुकान बंद रहती थी, जिससे सामान भी काफी महंगे दामों में मिलते थे और मजबूरन खरीददारी करनी पड़ी. वहीं, सरकार की शर्तों को ध्यान में रखते हुए शादी में सीमित दायरे में ही लोगों को बुलाया गया. इसके चलते करीबी रिश्तेदार भी शादी में नहीं आ पाए.
शादी-विवाह में काम करने वाले हलवाईयों का कहना है कि कोरोना के इस दौर में काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है. इस बार की शादियों में लोगों ने मिठाई तक बनवाने के लिए भी बुक नहीं किया गया. अब तो शादी का सीजन भी बीत गया है, जिससे आने वाले 4 महीनों तक और भी हमारे पास कोई काम-धंधा नहीं है, जिससे आगे के इन महीनों में काफी नुकसान होगा.
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