जोधपुर. हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाने वाली बसंत पंचमी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. बसंत पंचमी को फूलों के खिलने और नई फसल के आने का त्योहार माना जाता है. क्योंकि बसंत ऋतु में पतझड़ शुरू होता है, जिससे पेड़-पौधों के पत्ते पीले होकर गिरने लगते हैं और उनमें नई कोपलें फूटती हैं.
ऋतुओं के राजा बसंत का त्योहार हिन्दू धर्म के अनुसार पूरे वर्ष को छह ऋतुओं में बांटा गया है. ग्रीष्म ऋतु, शरद ऋतु, हेमंत ऋतु, शिशिर ऋतु, वर्षा ऋतु और बसंत ऋतु, जिसमें बसंत को इनका राजा माना जाता है.
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पौराणिक मान्यताओं की मानें तो ब्रह्मा ने इसी दिन मां सरस्वती की उत्पत्ति कर उन्हे ज्ञान की देवी के रूप में स्थापित किया था. इस दिन शिक्षा के मंदिरों यानि स्कूलों मे भी मां सरस्वती की पूजा की जाती है.
इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि इसी दिन संत नामदेव का भी जन्मदिन है. जिसे महाराष्ट्र और पंजाब समेत बाकी दूसरे राज्यों में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है.