जोधपुर.उम्मेद अस्पताल में नवजात बच्चों के हियरिंग और विजन लॉस की स्क्रीनिंग शुरू की गई है. इसकी शुरुआत फिलहाल नर्सरी में भर्ती होने वाले प्रीमेच्चौर गंभीर नवजात के लिए की गई है. धीरे-धीरे यहां जन्म लेने वाले सभी नवजात की स्क्रीनिंग करने की योजना है. उम्मेद अस्पताल नवजात की इस तरह स्क्रीनिंग करने वाला प्रदेश का पहला अस्पताल है. अधीक्षक डॉ. अफजल हकिम ने बताया कि हमने यह नवाचार किया है, जिसे आगे बढ़ाएंगे. हमारी नर्सरी में सभी तरह के मॉर्डन इक्विपमेंट हैं. खासकर समय से पहले जन्मे बच्चों में रेटीनोपैथी का खतरा रहता है, इसके अलावा हियरिंग लॉस होता है. विजन स्क्रीनिंग के लिए अस्पताल में रेटिनोस्कॉप और हियरिंग के लिए बेरा मशीन लगाई गई है.
सबसे ज्यादा परेशानी हियरिंग लॉस से :डॉक्टर्स का कहना है कि हियरिंग लॉस से सर्वाधिक बच्चों को परेशानी होती है. इसका समय पर पता चलने पर इसका उपचार हो सकता है. ईएनटी विशेषज्ञ बताते हैं कि जितनी जल्दी हियरिंग लॉस वाले बच्चों का उपचार होता है, तो उसमे सुधार होता है, क्योंकि हियरिंग लॉस के साथ-साथ बच्चों में बोलने की क्षमता भी प्रभावित होती है. सुनने की समस्या से बच्चों की भाषा सीखने की क्षमता भी प्रभावित होती है. सामान्यत: ऐसे बच्चों को सांकेतिक भाषा में ही बात करनी पड़ती है.