जोधपुर.मानसून आए नौ दिन गुजर चुके हैं. लेकिन शहर और आसपास के इलाकों में भगवान इंद्रदेव बारिश के साथ अभी तक एक बार भी मेहरबान नहीं हुए हैं. ऐसे में महिलाओं ने बारिश होने को लेकर अलग-अलग तरह से जतन करती हुई नजर आईं. ऐसा ही एक नजारा मंडोर इलाके में देखने को मिला. यहां पर महिलाएं सिर पर पानी से भरी मटकी लेकर उनमें छिद्र करके भीगती हुई भगवान भैरव के मंदिर पहुंची और बारिश होने की कामना की.
रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए जोधपुर में महिलाओं ने बनाया 'मेह जाल', ये है इसके पीछे मान्यता - indradev
मानसून की दस्तक के बावजूद बारिश नहीं होने से शहर में गर्मी और उमस से लोगों का हाल-बेहाल है. बाशिंदों को बारिश का बेसब्री से इंतजार है. इसिलिए रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए मंडोर के क्षेत्रवासियों ने मेहजाल का जतन किया.
शहर के मंडोर इलाके में अच्छी बारिश की कामना को लेकर महिलाओं द्वारा इन्द्र देव को मनाने के लिए भव्य मेह जाल का आयोजन किया गया. यह आयोजन रामू की बावड़ी भियाली बेरा से रूपा देवी गहलोत के नेतृत्व में किया गया. इस दौरान महिलाओं ने मेह जाल को लेकर महिलाओं और बच्चियों द्वारा रंग-बिरंगी पोशाकों मे सज-धज कर छिद्र किए हुऐ मटकों में पानी भरकर पूरे रास्ते भिगती हुई जुलूस के रूप में मंदिर पहुंची. महिलाएं नाचते गाते हुए भाव भक्ति के रस मे ढोल नगाड़ों के साथ गोपी बेरा, बड़ा बेरा, आमली बेरा, लाला बेरा, भलावता बेरा होते हुए मंडोर उद्यान स्थित काला गोरा भेरू जी मन्दिर पर जुलूस पहुंचा.
मंदिर पर लक्ष्मण सिह सोलंकी ने पूजा अर्चना कर जुलूस में शामिल सभी महिलाओं का स्वागत किया. साथ ही मंदिर में काला गोरा भेरू जी को गुगरी और कुंलर के प्रसाद का भोग लगाते हुए पूजा करवाए. इस दौरान महिलाओं ने मेह जाल के आयोजन (टोटका) पर छिद्र किए और पानी से भरे मटकों को आकाश की तरफ उड़ेलते हुए इन्द्र देव को मनाने का जतन किया. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान इंद्र प्रसन्न होंगे और शीघ्र ही अच्छी बारिश देखने को मिलेगी. बारिश को लेकर आम जनता द्वारा अलग-अलग जतन अपनाए जा रहे हैं.