भोपालगढ़ (जोधपुर).क्षेत्र में कुछ दिनों पहले हुई बारिश से कई जगहों पर ओलावृष्टि हुई थी. ऐसे में बारिश होने से इन दिनों शीतलहर की ठंडी बर्फीली हवाएं चल रही हैं. वहीं सुबह के समय फसलों पर पाला पड़ने की संभावना को देखते हुए कृषि विभाग उद्यान की ओर से अधिकारी नासिर खिलजी और रफीक अहमद कुरैशी ने किसानों को खेती संबंधी जानकारी दी.
पाला पड़ने से किसानों की फसल हो रही खराब कृषि पर्यवेक्षक उद्यान रफीक अहमद कुरैशी ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान किसानों को कृषि और उद्यानिकी उत्पादन वृद्धि की उन्नत तकनीक जिससे परोक्ष रूप से फसल-मशाला उत्पादकता कायम रहे की उन्न्त तकनीकी की जानकारी दी.
उन्होंने बताया की गेहूं, राया, जीरा, इसबगोल और सौंफ में फसल की क्रान्तिक अवस्थाओं पर सिचांई, खरपतवार प्रबंधन, सूक्ष्म तत्वों का सन्तुलन, आवश्यक कृषि कार्य है. आकाश में बादल छाए रहने पर जीरा फसल में झुलसा रोग की सम्भावना होती है.
पढ़ेंः नागरिकता बिल सभी प्रदेशों की सरकारों को लागू करना ही होगा : केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री
जीरा फसल मे झुलसा रोग का प्रकोप के लिए जीरा फसल में फसल बुवाई के 30-35 दिन बाद थायोफेनेट मिथाइल 70 डब्ल्यू पी.या मैन्कोजेब 75 डब्ल्यू पी.या जाइरम कोई एक दवा दो ग्राम दवा प्रति लीटर पानी मे घोल बनाकर प्रथम छिड़काव किया जा सकता है. फसल को पाले से बचाव हेतु एक लीटर गंधक का तेजाब को एक हजार लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टर क्षेत्र पर छिड़काव किया जा सकता है.